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नयी दिल्ली, 29 मार्च (भाषा) कोरोना वायरस के कारण अगर हालात इस कदर बिगड़े नहीं होते और लोगों को लॉकडाउन की वजह से घर में बंद नहीं रहना होता तो रविवार को मुंबई में चर्चगेट स्टेशन पीले और नीले रंग से सराबोर होता क्योंकि लोग इंडियन प्रीमियर लीग का मुकाबला देखने के आतुर होते।

कोविड-19 के कारण दुनिया भर में प्रतियोगितायें रद्द या स्थगित हो गयी हैं जिसमें आईपीएल को भी स्थगित कर दिया गया। जिससे अब रात को आठ बजे आईपीएल मैच नहीं हो रहा है और वानखेडे की पिच पर महेंद्र सिंह धोनी या रोहित शर्मा दिखायी नहीं दे रहे। लॉकडाउन की वजह से कुछ नेटफ्लिक्स पर तो कुछ डीडी नेशनल पर कार्यक्रम देख रहे हैं।

धोनी के लिये आईपीएल साढ़े आठ महीने बाद वापसी टूर्नामेंट होता। वह चेन्नई सुपरकिंग्स टीम की अगुआई करते जिसके कुछ खिलाड़ियों के लिये यह अंतिम वर्ष होता। सुरेश रैना, हरभजन सिंह और शेन वाटसन के अगले साल पीली जर्सी में खेलने की उम्मीद नहीं है।

धोनी के लिये यह फार्म में वापसी कर दुनिया को दिखाने का मौका होता कि ऋषभ पंत और लोकेश राहुल को वैश्विक टूर्नामेंट के लिये अंतिम बार इंतजार करने के लिये क्यों कहा जा सकता है।

अगर आईपीएल नहीं होता है और विश्व टी20 इस साल हालात सामन्य होने की स्थिति में आयोजित किया जा सकता है तो क्या धोनी फिर से भारतीय टीम के लिये खेलते दिखेंगे? उनके प्रशसंकों को हालांकि यह बात रास नहीं आयेगी लेकिन सुनील गावस्कर, वीरेंद्र सहवाग और कपिल देव ऐसा महसूस नहीं करते।



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