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नई दिल्ली : युवराज सिंह ने भारतीय टीम के विश्व कप सेमीफाइनल से बाहर होने के लिए टीम प्रबंधन की कड़ी आलोचना की और कहा कि इस 50 ओवरों के टूर्नामेंट के लिए उनकी योजना पूरी तरह से गलत थी। खिताब का प्रबल दावेदार भारत विश्व कप में नंबर चार पर स्थापित बल्लेबाज के बिना उतरा था जिससे टीम प्रभावित हुई और विराट कोहली की टीम को सेमीफाइनल से बाहर होना पड़ा।

कम अनुभव वाले खिलाड़ी टीम में रखे

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युवराज ने कहा कि इस विश्व कप में उन्होंने (अंबाती) रायुडु को बाहर कर दिया। विजय शंकर टीम के साथ गए जो चोटिल हो गए और फिर ऋषभ पंत को चुना गया। मैं इनके खिलाफ नहीं हूं लेकिन दोनों पांच वनडे मैच खेले थे। मेरे कहने का मतलब है कि इतने कम अनुभव वाले खिलाड़ी से आप कैसे बड़े मैचों में जीत की उम्मीद करते हैं।

थिंक टैंक से है नाराजगी


युवराज बोले- मेरी नाराजगी उन चीजों से है जो थिंक टैंक ने की। दिनेश कार्तिक टूर्नामेंट में बाहर ही बैठे रहे लेकिन अचानक उन्हें सेमीफाइनल में उतारा गया तथा महेंद्र सिंह धोनी जैसे खिलाड़ी को 7वें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए भेजा गया। यह अव्यवस्था की स्थिति थी। बड़े मैचों में आप ऐसा नहीं कर सकते। 

पूरी योजना ही खराब थी 

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युवराज ने कहा कि आपके चौथे नंबर के बल्लेबाज का उच्चतम स्कोर 48 रन था, इसलिए पूरी योजना ही खराब थी क्योंकि वे मानकर चल रहे थे कि रोहित, विराट अच्छी फार्म में हैं लेकिन टीमें ऐसे जीत दर्ज नहीं करती। अगर आप आस्ट्रेलिया को देखो, अगर आप उनकी 2003, 2011, 2015 की टीमें देखों तो उनके पास मंझे हुए बल्लेबाज थे। इसलिए मेरा मानना है कि रणनीति पूरी तरह से गलत थी। 

रायुडु के साथ जो हुआ उससे हूं निराश

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रायुडु को भारत का नंबर चार बल्लेबाज माना जा रहा था लेकिन आस्ट्रेलिया में अच्छा प्रदर्शन नहीं करने के कारण उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया। युवराज ने कहा कि रायुडु के साथ जो कुछ हुआ उससे मैं काफी निराश था। वह एक साल से भी अधिक समय तक नंबर चार बल्लेबाज रहा। यहां तक कि न्यूजीलैंड में आखिरी मैच में भी। उसने उस मैच में 90 रन बनाए और मैन आफ द मैच बना।