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नई दिल्लीः क्रिकेटर युवराज सिंह की मां शबनम सिंह पोंजी (फ्रॉड) स्कीम का शिकार बनीं हैं। खबर है कि उनका 1 करोड़ रूपए इस स्कीम में फंसा है। ईडी सूत्रों के मुताबिक, 'साधना इंटरप्राइजेज' नाम के पोंजी स्कीम की धोखाधड़ी में शबनम सिंह फंसी हैं। साधना इंटरप्राइजेज नाम के पोंजी स्कीम ने अपने ग्राहकों को करीब 84 प्रतिशत सालाना रिटर्न्स देने का भरोसा दिलाया था।
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मुंबई स्थित ईडी की टीम इस मामले की तफ्तीश में जुट गई है. ईडी की टीम अपने चंडीगढ़ जोन के अधिकारियों के लगातार संपर्क में है। शबनम सिंह इस मामले में खुद को पीड़ित बता रही हैं लेकिन ईडी उनके पैसों की लेनदेन से जुड़ी मामले की तफ्तीश में जुटी है।

शुरुआती तौर पर 700 करोड़ रुपए से ज्यादा का संदिग्ध लेनदेन सामने आया है। इस पोंजी स्कीम से कई शेल कंपनियों में पैसा ट्रांसफर किए जाने की खबरें हैं। ईडी की टीम उन शेल कंपनियों के बारे में जानकारी जुटा रही है। जल्द ही इस मामले में कई आरोपियों और पीड़ितों का बयान दर्ज होगा।
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जानें क्या है पोंजी स्कीम
पोंजी स्कीम या धोखाधडी का सिलसिला कोई अब से नही बल्कि सालो से चलता आ रहा है। पौंजी स्कीम का जन्म इटली मे जन्मे चाल्स पौंजी नामक शख्स से हुआ है। जिसने पहले इटली कनाडा व अमेरिका से अपने धोखेबाजी के धंधे की नींव रखी। जिसने लोगो को अपने झांसे मे लेते हुए भोले भाले लोगो को कम समय से अधिक धन कमाने का लालच देकर अपने चुंगल मे फंसा लिया व पैसा लेकर फरार हो गया। इसके साथ साथ एक जगह से ठगी करने के बाद समय समय पर शहर बदलकर व अन्य लोगो को चुना लगाने के लिए चुनने लगा।
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उल्लेखनीए है कि पौंजी स्कीम को साल 1964 मे आॅक्सफोर्ड की इंग्लिश डिक्शनरी मे भी शामिल किया गया। पौंजी स्कीम मे लोग इस विश्वास से पैसा लगाते है कि वह कम समय मे अधिक पैसा हांसिल कर सकते है। जिससे कि शुरूआत मे जुडते समय लोगो की चांदी चांदी होती है। क्योंकि उन लोगो को अन्य निवेशको के निवेश से फायदा होता है। जिससे वही लोग लालच मे आकर अधिक मुनाफा कमाने के लिए और अधिक पैसा लगाते है, जिससे बाद मे ऐसे संचालक सारा लेकर नाै-दो-ग्यारह हो जाते है।