जालन्धर : टीम इंडिया के लिए 2006 में दो वनडे खेलने वाले तेज गेंदबाज वीआरवी सिंह ने आखिरकार क्रिकेट करियर से संन्यास ले लिया है। वीआरवी आईपीएल में किंग्स इलेवन पंजाब के लिए खेल चुके हैं। 2008 और 2010 के तीन सीजनों में उन्होंने कुल 19 मैच खेलकर 12 विकेट झटके थे। वीआरवी का करियर चोटों और खराब फॉर्म से प्रभावित रहा। उन्होंने महज 20 साल की उम्र में पंजाब के लिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट में डैब्यू किया था। हालांकि वह प्रथम श्रेणी क्रिकेट में इतना सफल नहीं रह पाए। 7 मैचों में वह केवल 8 ही विकेट ले पाए। 2006 में ही वीआरवी ने वेस्टइंडीज के खिलाफ सेंट जोंस में पहला टेस्ट खेला था। इसके बाद उन्होंने चार और मुकाबले खेले लेकिन वह अपनी छाप छोडऩे में नाकाम रहे।
वीआरवी सिंह का करियर
पीठ की समस्या ने किया परेशान
वीआरवी ने एक वेबसाइट को दी इंटरव्यू में कहा कि मैंने वापसी करने की बहुत कोशिश की। लेकिन मुझे मेरी पीठ की समस्या ने बहुत परेशान किया। आप अपने शरीर को मूर्ख नहीं बना सकते। मेरी सर्जरी हुई, रिहैब हुए। 2014 के बाद तो मैंने कुछ साल खेला ही नहीं। मगर मैंने ट्रेनिंग की और 2018 में खेलने का प्रयास किया। मगर मैं नहीं खेल पाया, इसलिए अपने भविष्य के बारे में सोचना शुरू किया।
युवी की सलाह से ली रिटायरमैंट
वीआरवी को युवराज का अच्छा दोस्त माना जाता है। आईपीएल की शुरुआत में युवराज जब पंजाब की ओर से खेलते थे तब वीआरवी भी इसी टीम से खेलते थे। अपने रिटायरमैंट के फैसले के बारे में बात करते हुए वीआरवी ने कहा कि उनका रिटायर होना किसी एक रात में लिया गया फैसला नहीं है। युवी ने मुझे काफी प्रोत्साहित किया। मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश की। मगर दुर्भाग्यवश ऐसा नहीं हुआ। मुझे लगा कि संन्यास ले लेना चाहिए और सोचना चाहिए कि आगे क्या करना है।
भज्जी से थप्पड़ खाने वाले श्रीसंथ को दिया था सहारा
आईपीएल के शुरुआती सीजन में पंजाब और मुंबई के बीच मैच के दौरान हरभजन सिंह ने पंजाब के तेज गेंदबाज श्रीसंथ को थप्पड़ जड़ दिया था। उक्त मामला लंबे समय तक चर्चा में रहा था। हालांकि किसी को यह नहीं पता था कि श्रीसंथ ने भज्जी को ऐसा क्या कहा था कि भज्जी ने उन्हें थप्पड़ रसीद कर दिया। माना जाता है कि उस दिन वीआरवी श्रीसंथ के पास थे। उन्हें पूरे घटनाक्रम के बारे में पता था। हालांकि इसके बारे में खुलासा कभी किसी ने नहीं किया।