Sports

स्पोर्ट्स डेस्क: पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने सबसे लंबे समय तक अपने सलामी जोड़ीदार रहे चेतन चौहान को श्रद्धांजलि दी जिनका कोविड-19 से जुड़ी समस्याओं के कारण निधन हो गया। ‘आजा, आजा, गले मिल, आखिर हम अपने जीवन के अनिवार्य ओवर खेल रहे हैं' पिछले दो या तीन साल में हम जब भी मिलते थे तो मेरा सलामी जोड़ीदार चेतन चौहान इसी तरह अभिवादन करता था। ये मुलाकातें उसके पसंदीदा फिरोजशाह कोटला मैदान पर होती थी जहां वह पिच तैयार कराने का प्रभारी था। जब हम गले मिलते थे तो मैं उसे कहता था ‘नहीं, नहीं हमें एक और शतकीय साझेदारी करनी है।'

PunjabKesari
एडिलेड में दूसरे टेस्ट में जब वह 97 रन बनाकर खेल रहा था तो टीम के मेरे साथी मुझे टीवी के सामने की कुर्सी से उठाकर खिलाड़ियों की बालकोनी में ले गए और कहने लगे कि मुझे अपने जोड़ीदार की हौसलाअफजाई के लिए मौजूद रहना चाहिए। मैं बालकोनी से खिलाड़ियों को खेलते हुए देखने को लेकर थोड़ा अंधविश्वासी था क्योंकि तब बल्लेबाज आउट हो जाता था और इसलिए मैं हमेशा मैच ड्रेसिंग रूम में टीवी पर देखता था। शतक पूरा होने के बाद मैं खिलाड़ियों की बालकोनी में जाता था और हौसलाअफजाई करने वालों में शामिल हो जाता था। 

PunjabKesari
हैरानी की बात है कि उनके पास एक साल पहले कुछ लोगों की गैरमौजूदगी के बारे में कहने के लिए कुछ नहीं था जब मैंने दिल्ली में शतक जड़कर डान ब्रैडमैन के 29 शतक की बराबरी की थी। दूसरी बार जब मुझे लगता है कि मैं चेतन के शतक से चूकने के लिए जिम्मेदार था, वह लम्हा तब आया जब खराब फैसले पर आउट दिए जाने के बाद मैदान से बाहर जाते हुए आस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के अभद्र व्यवहार के बीच मैंने धैर्य खो दिया। चेतन को बाहर ले जाने के प्रयास से निश्चित तौर पर उसकी एकाग्रता भंग हुई होगी और कुछ देर बाद वह एक बार फिर शतक से चूक गया।