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जालन्धर : भारतीय टीम में शामिल होने के लिए यो-यो टैस्ट पास करना जरूरी है। इसी चक्कर में टीम इंडिया में वापसी की कोशिश कर रहे युवराज सिंह और सुरेश रैना जैसे स्टार्स भी कही पीछे छूट गए। हालांकि बीच में दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने इस टैस्ट पर सवाल भी उठाए थे। सचिन का कहना था कि टीम सेलेक्शन का पैमाना प्रदर्शन होना चाहिए न कि फिटनेस। लेकिन बीसीसीआई अभी भी इस टेस्ट के लिए सभी खिलाडिय़ों को बाध्य बनाए हुए हैं। इसी बीच बीते दिनों यो-यो टेस्ट में फेल हुए भारत के मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज अंबाति रायडू ने टेस्ट से जुड़ा एक एक बुरा अनुभव अपने फैंस के साथ शेयर किया है। 

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रायडू को हाल ही में पहले इंग्लैंड दौरे के लिए वनडे और टी-20 टीम में शामिल किया गया था। लेकिन बीच में ही उन्हें इसलिए बाहर कर दिया गया क्योंकि वह यो-यो टेस्ट पास नहीं कर पाए थे। रायडू का कहना है कि मैं उक्त टेस्ट का विरोध नहीं करता लेकिन बीते दिनों इस टेस्ट में फेल होने पर मैं काफी निराश हुआ। मैं खुद से उदास भी था क्योंकि मैं यह टेस्ट पास नहीं कर पाया। दरअसल हर एक खिलाड़ी के फिटनेस का एक स्तर होना चाहिए। मुझे तो खुद पर यकीन था इसलिए मैंने अपनी फिटनेस पर काम किया। अब मैं यह टेस्ट पास कर चुका है। 

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बता दें कि टेस्ट पास करने के बाद से रायडू को घरेलू वनडे सीरीज में खेलने का मौका मिला है। रायडू ने इंडिया ए के साथ खेलते हुए अपने पहले ही मैच में ऑस्ट्रेलिया ए के खिलाफ 62 रन की पारी खेली थी। इंगलैंड दौरे के लिए सिलेक्ट पृथ्वी शॉ और हनुमा विहारी के बारे में रायडू ने कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि युवाओं को टीम में जगह मिल रही है।