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नई दिल्ली: भारतीय महिला पहलवानों ने प्रो कुश्ती लीग (पीडब्ल्यूएल) और एशियाई चैम्पियनशिप से मिले अपार अनुभव की बदौलत आगामी राष्ट्रमंडल खेलों में शानदार प्रदर्शन का भरोसा जताया है। भारतीय महिला टीम की कोच अलका तोमर ने कहा कि सभी खिलाड़ी इन खेलों के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। सच तो यह है कि हाल में पीडब्ल्यूएल ने खिलाड़ीयों के मन से दिग्गज अंतरराष्ट्रीय पहलवानों से सामना करने का भय दूर कर दिया है। पूजा ढांडा की लीग में रिकॉर्डतोड़ क़ामयाबी से अन्य भारतीय महिला पहलवानों का भी आत्मविश्वास बढ़ा है। शायद यही वजह है कि एशियाई चैम्पियनशिप में पिछले दिनों भारतीय महिला पहलवान जापान की दिग्गजों को हराने में सफल रहीं। विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला अलका तोमर ने कहा कि दिग्गज पहलवानों के साथ अभ्यास करने, उनकी तकनीक को जानने और उनका सामना करने का अवसर मिलना अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की तैयारी के लिए बहुत जरूरी है। ये तीनों चीकों पीडब्ल्यूएल से मुमकिन हो पाईं।

नवजोत ने कहा "हमारा दिग्गज पहलवानों से मुकाबाला करने का डर खत्म हुअा है"

पिछले दिनों एशियाई चैंम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली नवजोत कौर ने कहा बेशक मुझे पीडब्ल्यूएल सीकान दो और तीन में लडऩे का मौका नहीं मिला लेकिन इसमें लडऩे वाले पहलवानों की कुश्तियों को टीवी पर करीब से देखने और उससे सीखने का मौका मुझे जरूर मिला। एशियाई चैम्पियनशिप में यह अनुभव और कोचों की सलाह मेरे बहुत काम आई। दुनिया में दूसरी रैंक की नवजोत ने कहा हमारा दिग्गज पहलवानों से मुक़ाबला करने का डर अब खत्म हो गया है। हमारे पहलवान अब ज्यादा खुलकर कुश्ती लडऩे लगे हैं। नवजोत राष्ट्रमंडल खेलों के लिए भारतीय टीम का हिस्सा नहीं हैं लेकिन उन्होंने पूरी टीम को शुभकामनाएं दी हैं। इन दिनों भारतीय महिला पहलवान लखनऊ में लगे कोचिंग कैंप में पसीना बहा रही हैं। इन खेलों में इस बार विनेश (50 किलो), बबीता (53 किलो), पूजा ढांडा (57 किलो), साक्षी मलिक (62 किलो), दिव्या काकरान (68 किलो) और किरण (76 किलो) भाग ले रही हैं जबकि पुरुषों में राहुल आवारे (57 किलो), बजरंग पूनिया (65 किलो), सुशील (74 किलो), सोमवीर (86 किलो), मौसम खत्री (97 किलो) और सुमित (125 किलो) चुनौती रखेंगे।