Sports

ग्वांग्झू: पीवी सिंधू और समीर वर्मा को अगर बुधवार से शुरू होने वाले बीडब्ल्यूएफ विश्व टूर फाइनल्स बैडमिंटन टूर्नामंट के नाकआउट में जगह बनानी है तो उन्हें अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा। इस सत्र में भारतीय खिलाडिय़ों में सिंधू का प्रदर्शन सबसे प्रभावशाली रहा है। उन्होंने राष्ट्रमंडल खेल, एशियाई खेल और विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीते। इसके अलावा वह इंडिया ओपन और थाईलैंड ओपन में भी उप विजेता रही थी। पिछली बार दुबई में उप विजेता रही हैदराबाद यह 23 वर्षीय खिलाड़ी विश्व टूर फाइनल्स में खिताब जीतकर अपने अभियान का स्र्विणम अंत करना चाहेगी। लेकिन महिला एकल का खिताब जीतने लिए उन्हें कड़ी मशक्कत करनी होगी। सिंधू को बेहद कड़ा ड्राॅ मिला है। उन्हें ऐसे ग्रुप में रखा गया है जिसे ‘मौत का ग्रुप’ कहा जा सकता है।
PunjabKesari
विश्व में नंबर एक चीनी ताइपै की ताई जु यिंग, विश्व में नंबर दो और मौजूदा चैम्पियन जापान की अकाने यामागुची और सिंधू को इंडिया ओपन में हराने वाली अमेरिका की बीवेन झांग को इस ग्रुप में रखा गया है। सत्र के आखिरी और प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में चोटी के आठ खिलाड़ी ही भाग लेते हैं। प्रत्येक ग्रुप से शीर्ष पर रहने वाले खिलाड़ी सेमीफाइनल में पहुंचेगे। लगातार तीसरी बार इस टूर्नामेंट में भाग ले रही सिंधू का यामागुची के खिलाफ रिकाॅर्ड 9-4 है लेकिन इस सत्र में इन दोनों के बीच जो पांच मुकाबले खेले गए उनमें से चार जापानी खिलाड़ी ने जीते थे। भारतीय खिलाड़ी के लिए ताइ जु यिंग से पार पाना भी मुश्किल रहा है। सिंधू ने उनसे पिछले छह मुकाबले गंवाए हैं। भारतीय खिलाड़ी ने आखिरी बार ताई जु यिंग को रियो ओलंपिक 2016 में हराया था।
PunjabKesari
झांग के खिलाफ सिंधू का रिकाॅर्ड 3-3 से बराबरी पर है, लेकिन पिछले तीन मुकाबलों में अमेरिकी खिलाड़ी भारतीय खिलाड़ी पर भारी रही है जिसमें इंडिया ओपन विश्व टूर सुपर 500 टूर्नामेंट का फाइनल भी शामिल है। सिंधू हालांकि अच्छा प्रदर्शन करने के प्रति आश्वस्त हैं और उन्होंने कहा कि अभ्यास के लिए पर्याप्त समय मिलने के कारण वह सर्वश्रेष्ठ फार्म में हैं। उन्होंने एक बेवसाइट से कहा, ‘मुझे इस बार तैयारी के लिए पर्याप्त समय मिला है। मुझे टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद है। इसमें सभी चोटी की खिलाड़ी भाग लेती हैं। यह कड़ा है लेकिन मैं इसे जीतना चाहती हूं।’
PunjabKesari
किदांबी श्रीकांत के बाद टूर्नामेंट का टिकट पाने वाले दूसरे भारतीय पुरुष बने समीर का सुगियार्तो और वानचारोइन के खिलाफ रिकाॅर्ड 1-1 से बराबर है लेकिन उन्हें किसी भी तरह के उलट परिणाम से बचने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा। इस 24 वर्षीय खिलाड़ी के लिये मोमोता की चुनौती से पार पाना आसान नहीं होगा। समीर ने उन्हें स्विस ओपन में खिताबी जीत के दौरान हराया था। स्विस ओपन के बाद जापान का यह खिलाड़ी इस खेल की बड़ी ताकत के रूप में उभरा है। इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट को पहले सुपर सीरीज फाइनल के नाम से जाना जाता था जिसके लिए साइना नेहवाल सात बार क्वालीफाई करने में सफल रही। वह 2011 के सत्र के फाइनल में पहुंची थी। ज्वाला गुट्टा और वी दीजू की भारतीय मिश्रित युगल जोड़ी 2009 में इस टूर्नामेंट की उपविजेता रही थी।