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कुटुपालोंग (बांग्लादेश): फुटबाॅल विश्व कप भले ही खत्म हो गया हो लेकिन दुनिया के सबसे बड़े शरणार्थी शिविर में इसका खुमार अभी भी जस का जस है जहां बांग्लादेश के साथ ब्राजील और अर्जेंटीना के झंडे भी लहराते दिख जाएंगे। म्यामां से निकाले गए लाखों रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों की पनाहगाह बने इन शिविरों में फुटबाॅल की दीवानगी पूरे टूर्नामेंट के दौरान भी नजर आई। 

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रोहिंग्या लड़कों ने शिविर की धूलभरी गलियों में विश्व कप की डुप्लीकेट ट्राफी की परेड कराई और नन्हें फुटबाॅलप्रेमी नम आंखों से उसे यूं मुग्ध होकर निहारते रहे मानों वह असली ट्राफी हो। छह बरस के मोहम्मद रजा ने कहा, ‘‘मेरी प्रिय टीम अर्जेंटीना है। मैने फाइनल देखा। क्रोएशिया और फ्रांस के बीच था जिसमें फ्रांस जीता।’’ 

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पांच साल के नुरूल अफसर ने कहा, ‘‘मेरा पसंदीदा खिलाड़ी नेमार है।’’ ब्राजील और अर्जेंटीना के अलावा यहां स्पेन और यूरोपीय क्लबों के काफी प्रशंसक हैं। कई लड़कों ने नेमार की तरह बाल रंगे हुए हैं और अधिकांश ब्राजील की जर्सी में नजर आते हैं। 

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