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नई दिल्लीः भारत के पूर्व कप्तान आनंद अमृतराज का मानना है कि एक हफ्ते में ‘ वल्र्ड कप ऑफ टेनिस ’ का आयोजन करना बहुत ही खतरनाक विचार है क्योंकि इससे ‘ होम एंड अवे ’ मुकाबलों की आकर्षण खत्म हो जाएगा जिसकी बदौलत भारत जैसे देशों को राफेल नडाल जैसे खिलाडिय़ों की मेजबानी का मौका मिल जाता है।

सही रूप देने के लिए दो तिहाई मतों की जरूरत
आईटीएफ के निदेशकों के बोर्ड ने सर्वसम्मति से सत्र के अंत में ‘ वल्र्ड कप ऑफ टेनिस फाइनल्स ’ कराने के प्रस्ताव का समर्थन किया है जिसमें 18 देश शामिल होंगे। मैच एक हफ्ते में नवंबर में डेविस कप फाइनल के पारंपरिक हफ्ते की तरह एक ही स्थल पर खेले जायेंगे। अगस्त में ओरलांडो में होने वाली आईटीएफ की आम सालाना बैठक में इस पर वोट किए जाएगे और इसे सही रूप देने के लिए दो तिहाई मतों की जरूरत होगी।  यह बदलाव वाला विचार आईटीएफ के एक निवेशक ग्रुप ‘ कोस्मोस ’ से करार के बाद आया है जो स्पेन के अंतरराष्ट्रीय और एफसी बाॢसलोना के फुटबालर गेरार्ड पिक की कंपनी है।            
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अमृतराज ने कहा, ‘‘ यह ‘ वल्र्ड कप ऑफ टेनिस ’ का एक हफ्ते के प्रारूप का प्रस्ताव खतरनाक विचार है। अगर आईटीएफ अध्यक्ष डेव हैगर्टी ने शीर्ष खिलाडिय़ों को खुश रखने और कुछ वित्तीय फायदे के लिए के इसे बोला है तो यह और भी खराब विचार है।’’ फाइनल्स में रांउड रोबिन प्रारूप होगा , जिसके बाद क्वार्टरफाइनल नाकआउट चरण होगा। प्रत्येक मुकाबले में दो एकल होंगे और एक युगल जो ‘बेस्ट आफ थ्री सेट’ के होंगे। इसमें 16 विश्व ग्रुप देश स्वत: ही फाइनल्स के लिये क्वालीफाई कर लेंगे और दो देशों को चुना जाएगा।