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नई दिल्ली : पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर का मानना है कि आगामी विश्व कप में पाकिस्तान का बहिष्कार करके भारत को नुकसान होगा। उन्होंने साथ ही कहा कि द्विपक्षीय श्रृंखलाओं में खेलने से इनकार की नीति जारी रखते हुए भारत अपने चिर प्रतिद्वंद्वी की परेशानी बढ़ा सकता है। पिछले हफ्ते पुलवामा में आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 से अधिक जवानों की मौत के बाद पूर्व भारतीय स्पिनर हरभजन सिंह की अगुआई में पाकिस्तान के पूर्ण क्रिकेट बहिष्कार की मांग जोर पकड़ रही है। भारत को पाकिस्तान के खिलाफ 16 जून को विश्व कप का राउंड रोबिन मैच खेलना है।

गावस्कर ने कहा, ‘भारत अगर विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ नहीं खेलने का फैसला करता है तो कौन जीतेगा? और मैं समीफाइनल और फाइनल की बात ही नहीं कर रहा। कौन जीतेगा? पाकिस्तान जीतेगा क्योंकि उसे दो अंक मिलेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘भारत ने अब तक विश्व कप में हर बार पाकिस्तान को हराया है इसलिए हम असल में दो अंक गंवा रहे हैं जबकि पाकिस्तान को हराकर हम सुनिश्चित कर सकते हैं कि वे प्रतियोगिता में आगे नहीं बढ़ें।’

मैं सरकार के फैसले के साथ 

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इस पूर्व कप्तान ने कहा, ‘‘(लेकिन) मैं देश के साथ हूं, सरकार जो भी फैसला करेगी, मैं पूरी तरह से इसके साथ हूं। अगर देश चाहता है कि हमें पाकिस्तान से नहीं खेलना चाहिए तो मैं उनके साथ हूं।’ भारत और पाकिस्तान के बीच 2012 से द्विपक्षीय क्रिकेट नहीं हुआ है और दोनों देशों के बीच पिछली पूर्ण श्रृंखला 2007 में खेली गई थी। गावस्कर ने कहा, ‘‘पाकिस्तान को कहां नुकसान होगा? उन्हें पीड़ा तब पहुंचेगी जब वे भारत के खिलाफ द्विपक्षीय श्रृंखला नहीं खेलेंगे। कई टीमों वाली प्रतियोगिता में भारत को उनके खिलाफ नहीं खेलकर नुकसान होगा। इस पूरे मामले को थोड़ी अधिक गहराई से देखे जाने की जरूरत है।’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन जब आप उनसे नहीं खेलोगे तो क्या होगा? मुझे पता है कि ये दो अंक गंवाने के बावजूद भारतीय टीम इतनी मजबूत है कि क्वालीफाई कर लेगी लेकिन आखिर क्यों ना उन्हें हराया जाए और सुनिश्चित किया जाए कि वे क्वालीफाई नहीं कर पाएं।’

गावस्कर ने कहा कि अगर अटकलों के अनुसार बीसीसीआई इस मामले को आईसीसी के समक्ष उठाता है और पाकिस्तान को 30 मई से इंग्लैंड में शुरू हो रही प्रतियोगिता से बाहर करने की मांग करता है तो उसकी इस मांग को ठुकराए जाने की संभावना अधिक है। दुबई में 27 मार्च से दो मार्च के बीच होने वाली आईसीसी की बैठक के संदर्भ में गावस्कर ने कहा, ‘‘वे प्रयास कर सकते हैं लेकिन ऐसा नहीं होगा। क्योंकि अन्य सदस्य देशों को इसे स्वीकार करना होगा और मुझे ऐसा होता नजर नहीं आता। मैं सुनिश्चित नहीं हूं कि आईसीसी का सम्मेलन इसके लिए सही मंच है।’

मुझे इमरान से सीधे बात करने दीजिए

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गावस्कर ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से अपील की कि वे भारत के साथ संबंधों में सुधार के लिए जरूरी ‘पहला कदम’ उठाए। उन्होंने कहा, ‘मुझे इमरान खान से सीधे बात करने दीजिए, ऐसा व्यक्ति जिसकी मैं काफी प्रशंसका करता हूं, जिसे मैं समझता हूं कि मित्र है। मैं इमरान से कहता हूं ‘जब तुमने कमान संभाली थी तो कहा था कि यह नया पाकिस्तान होगा।’ गावस्कर ने कहा, ‘आपने कहा कि भारत को एक कदम उठाना चाहिए और पाकिस्तान दो कदम उठाएगा लेकिन राजनेता नहीं बल्कि औसत खिलाड़ी के रूप में मैं कहना चाहता हूं कि पहला कदम पाकिस्तान को उठाना चाहिए।’

उन्होंने कहा, ‘‘आपको सुनिश्चित करना चाहिए कि सीमा पार से घुसपैठ नहीं हो, आपको सुनिश्चित करना होगा कि जो लोग पाकिस्तान में हैं और भारत में समस्या पैदा कर रहे हैं उन्हें सौंपा जाए, अगर भारत को नहीं तो संयुक्त राष्ट्र को। आप दो कदम उठाइये और आप देखेंगे कि भारत कई मैत्रीपूर्ण कदम उठाएगा।’ गावस्कर चाहते हैं कि भारत-पाक क्रिकेटरों की तरह दोनों देशों के लोगों के बीच भी दोस्ताना संबंध हों। उन्होंने कहा, ‘मुझे पता है कि कई भारतीय और पाकिस्तानी क्रिकेटर मित्र हैं। आप (इमरान) मेरे मित्र हैं, वसीम अकरम मेरा मित्र है, रमीज राजा मेरा मित्र है, शोएब अख्तर मेरा मित्र है। जब हम भारत में या भारत के बाहर मिलते हैं तो अच्छा समय बीतता है और मुझे लगता है कि दोनों देशों के लोग भी इस तरह अच्छा समय बिताने के हकदार हैं।’

गावस्कर ने कहा, ‘‘इसलिए आप यह पहला कदम उठाइये। नए पाकिस्तान को यह पहला बड़ा कदम उठाने दीजिए और आप देखेंगे कि भारत कई कदम उठाएगा। इमरान को भारत में जो प्यार मिलता है वह अविश्वसनीय है।’ उन्होंने कहा, ‘‘उसने देश में काफी समय बिताया है। वह किसी अन्य पाकिस्तानी की तुलना में भारतीय लोगों को बेहतर जानता है और मुझे विश्वास है कि वह ये कदम उठाने में सक्षम है।’ यह पूछने पर कि क्या इमरान उनकी बात को तवज्जो देखें, गावस्कर ने अतीत की एक घटना को याद करते हुए कहा, ‘मैं इंग्लैंड में श्रृंखला (1987) के बाद संन्यास लेने के बारे में सोच रहा था लेकिन उसने कहा ‘नहीं,नहीं, एक बार और भिड़ते हैं, मैं चाहता हूं कि पाकिस्तान भारत को भारत में हराए और अगर आप टीम में नहीं होंगे तो वो बात नहीं होगी।’ उन्होंने कहा, ‘तब मैंने उसकी बात सुनी थी लेकिन यह मैदान पर था। यह पूरी तरह से अलग है। यह क्रिकेट के खेल की तुलना में कहीं अधिक लोगों के जीवन को छूता है।’