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नई दिल्ली : बांग्लादेश अपने मजबूत खेल के आधार पर क्रिकेट जगत में अब उप महाद्वीप की मजबूत टीम बनती जा रही है जिससे आगामी विश्व कप में सभी उसके प्रदर्शन को देखना चाहेंगे। बड़ी टीमें इस बात से भली भांति वाकिफ हैं कि बांग्लादेश की टीम उनके लिए चुनौती पेश कर सकती है। इसका सबूत अप्रैल 2015 से अक्तूबर 2016 के बीच पाकिस्तान, भारत, दक्षिण अफ्रीका, जिम्बाब्वे और अफगानिस्तान के खिलाफ लगातार पांच वनडे श्रृंखलाओं में जीत हासिल करना है। पिछले हफ्ते भी उसने बारिश से प्रभावित फाइनल में वेस्टइंडीज को हराकर तीन देशों की वनडे श्रृंखला अपने नाम कर ली। 

पिछले 10 वर्षों में 6 वनडे फाइनल्स में पहुंचने के बाद कई देशों के टूर्नामेंट में यह बांग्लादेश की पहली जीत थी, जिससे टूर्नामेंट शुरू होने से पहले मशरफी मुर्तजा के खिलाड़ियों के आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होगी। 35 साल के मुर्तजा के लिए यह पांचवां और अंतिम आईसीसी विश्व कप होगा जिन्होंने 2015 विश्व कप क्वार्टरफाइनल और 2017 चैम्पियंस ट्राफी सेमीफाइनल में बांग्लादेश की अगुवाई की थी। उसके शानदार सफर की शुरूआत 1999 विश्व कप से हुई थी जिसमें पदार्पण करने वाली बांग्लादेश ने 1992 चैम्पियन पाकिस्तान को हराकर उलटफेर किया था। फिर बांग्लादेश ने आईसीसी की पूर्ण सदस्यता हासिल करने के एक साल बाद टेस्ट दर्जा हासिल किया। उसने 2007 चरण में भारत की उम्मीद तोड़ दी थी और ग्रुप चरण में पड़ोसी देश को बाहर कर दिया था। मुर्तजा इस मैच के नायक रहे थे जिन्होंने चार विकेट झटककर भारत को 191 रन पर समेट दिया था। तमिम इकबाल, शाकिबुल हसन और मुश्फिकुर रहीम सभी ने अर्धशतक जड़कर बांग्लादेश को 5 विकेट से जीत दिलाई थी। 

बांग्लादेश ने सुपर आठ चरण में दक्षिण अफ्रीका को भी हराकर उलटफेर करते हुए सभी को हैरान कर दिया। हालांकि इसके बाद 2011 चरण में सह मेजबान के तौर पर प्रदर्शन इतना अच्छा नहीं रहा और आस्ट्रेलिया में पिछले चरण में वह क्वार्टरफाइनल में भारत से हार गई। मुर्तजा, तमिम, शाकिबुल और मुश्फिकर की चौकड़ी इस नई बांग्लादेश टीम के अहम खिलाड़ी हैं और उनकी निगाहें पहली बार सेमीफाइनल में पहुंचने की है। मुर्तजा के खिलाड़ियों ने पिछले 20 मैचों में से 13 में जीत हासिल की जिसमें वेस्टइंडीज पर एक श्रृंखला में जीत में शामिल है। इसके अलावा उसने 2018 एशिया कप फाइनल में जगह बनायी और हाल में त्रिकोणीय श्रृंखला में शानदार प्रदर्शन दिखाया। टूर्नामेंट ने बांग्लादेश को उनकी कुछ समस्याओं - जैसे सलामी जोड़ी, गेंदबाजी अनुभव की कमी और मध्य के ओवरों में स्पिनरों का प्रभावी नहीं होना - का हल ढूंढने में मदद की। 

बाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज तमिम उनकी बल्लेबाजी के अहम खिलाड़ी हैं लेकिन लिटन दास की अनिरंतर फार्म एक मुद्दा है। लेकिन सौम्य सरकार ने त्रिकोणीय श्रृंखला के दौरान बतौर सलामी बल्लेबाज तीन शानदार अर्धशतकों से इसका निदान कराया। गेंदबाजी में मुर्तजा और मुस्तफिजुर रहमान अच्छी लय में दिख रहे हैं जबकि युवा मोहम्मद सैफुद्दीन और अबु जायद ने भी प्रभावित किया है। स्पिनरों में मेहदी हसन ने अपनी आफ स्पिनसे बल्लेबाजों को परेशान किया है जबकि शाकिबुल के रूप में उनके पास जरूरी अनुभव है जो विश्व कप में दुनिया के नंबर एक आल राउंडर के तौर पर प्रवेश करेंगे। हालांकि विश्व कप में बांग्लादेश को सर्वश्रेष्ठ टीमों से भिड़ना होगा जिससे उन्हें अगर नाकआउट चरण के करीब पहुंचना है तो लगातार बेहतर प्रदर्शन करना होगा। बांग्लादेश की टीम दो जून को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अभियान शुरू करेगी और फिर पांच जून को न्यूजीलैंड और आठ जून को मेजबान इंग्लैंड से भिड़ेगी। 

टीम इस प्रकार है :

मशरफी मुर्तजा (कप्तान), तमिम इकबाल, महमूदुल्लाह, मश्फिकुर रहिम (विकेटकीपर), शकिबुल हसन, सौम्य सरकार, लिटन दास, सब्बीर रहमान, मेहदी हसन, मोहम्मद मिथुन, रूबेल हुसैन, मुस्तफिजुर रहमान, अबु जाएद, मोहम्मद सैफुद्दीन और मोसादेक हुसैन।