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जालंधर : पुरुष प्रधान गोल्फ गेम में महिलाएं भी अपनी पकड़ मजबूत बनाती जा रही हैं। इसका बड़ा सबूत यू.के. में आयोजित होने वाली वूमैन ब्रिटिश ओपन चैम्पियनशिप है जिसमें सिर्फ महिलाएं ही हिस्सा लेती हैं। 1976 में लेडीज गोल्फ यूनियन बनने के बाद वर्ष 2000 में पहली बार इसे बड़े स्तर पर करवाया गया। दक्षिण कोरिया की महिलाएं सर्वाधिक 5 बार यहां विजय पताका फहरा चुकी हैं। वीरवार को शुरू हुई इस प्रतियोगिता में विजेता प्लेयर को करीब 3.33 करोड़ रुपए बतौर ईनाम दिए जाएंगे। भारत की ओर से भी अदिति अशोक इसमें हिस्सा ले रही हैं। टूर्नामैंट के पहले दिन जर्मन की सांड्रा गाल सबसे आगे चल रही थीं।
144 महिला प्लेयर ले रही हैं टूर्नामैंट में हिस्सा
269 का सर्वश्रेष्ठ रिकॉर्ड बनाया है टूर्नामैंट में ऑस्ट्रेलिया की गोल्फर कैरी वैब ने

अदिति एकमात्र भारतीय प्रतिभागी 
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महिलाओं के इस प्रतिष्ठित टूर्नामैंट में भारत की ओर से अदिति अशोक हिस्सा लेंगी। 20 साल की अदिति 2016 में एल.ई.टी. का रूकी ऑफ द ईयर खिताब जीत चुकी हैं। उन्होंने पहले राऊंड में 72 के खराब स्कोर के साथ शुरूआत की।

एक बार ही ब्रिटिश वूमैन ने जीता खिताब
भले ही 18 सालों से यह टूर्नामैंट इंगलैंड में हो रहा है लेकिन अभी तक सिर्फ एक बार यानी 2004 में इंगलैंड की एकमात्र प्लेयर कैरन स्टपल्स ही इसे जीत पाई हैं।