Sports

स्पोर्ट्स डेस्क  : आम तौर पर जन के दिमाग में यही बात चल रही होती है कि क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड भारतीय दिग्गज खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर के नाम पर है। लेकिन यह बात सच नहीं है क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड इंग्लैंड के जैक हॉब्स के नाम पर है। "मास्टर" के नाम से जाने जाते हॉब्स के नाम पर सर्वाधिक रन ही नहीं सर्वाधिक शतकों का रिकॉर्ड भी है। इस रिकॉर्ड को उन्होंने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में बनाया है। यह एेसा रिकॉर्ड है जिससे सचिन भी मीलों पीछे है। हॉब्स को क्रिकेट के इतिहास में महानतम बल्लेबाजों में से एक माना जाता है। हॉब्स दुनिया के इकलौते बल्लेबाज हैं जिनके नाम 199 शतक अौर 61,760 रन दर्ज हैं।

इस रिकॉर्ड को बनाने के लिए 29 साल तक खेला क्रिकेट 
सबसे बड़ी बात यह है की हॉब्स ने यह रिकॉर्ड बनाने के लिए 29 साल तक क्रिकेट खेला है। हॉब्स ने 29 साल के अपने करियर के दौरान 834 फर्स्ट क्लास मैच खेले हैं। अगर अांकडों की बात करें तो उन्होंने इन 29 सालों में प्रति साल 28 मैच खेले तो लगभग प्रति महा में 2 मैच खेले।
PunjabKesari
इस से यह अांकलन लगाया जा सकता है कि अगर एक फर्स्ट क्लास मैच  पांच दिन चलता है तो हॉब्स ने हर एक दिन छोड़ कर मैच खेला है।  


अपने पहले टेस्ट मैच में इंग्लैंड की तरफ से शानदार 83 रनों की पारी खेली थी
जैक हॉब्स 1905 से 1934 तक सरे के लिए और 1908 से 1930 तक 61 टेस्ट मैचों में इंग्लैंड के लिए खेले। 1905 में सरे के लिए अपने पहले फर्स्ट क्लास मैच में उन्होंने 88 रन बनाए। आने वाले सालों में उन्होंने अपने आप को एक सफल काउंटी बल्लेबाज स्थापित किया।
PunjabKesari
1908 में इंग्लैंड के लिए टेस्ट क्रिकेट में डेब्यु किया जिसमें उन्होंने पहली पारी में 83 रन बनाए। 1911-12 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्होंने तीन शतक लगाए। इस प्रदर्शन के बाद उन्हें विश्व का सबसे बड़ा बल्लेबाज माना जाने लगा।


56.94 की टेस्ट बल्लेबाजी अौसत से खेलते थे हॉब्स
सरे के लिए टॉम हेवर्ड और एंड्रयू सैंडहॅम के साथ और इंग्लैंड के लिए विल्फ्रेड रोड्स और हरबर्ट सटक्लिफ के साथ। सटक्लिफ के साथ उनकी साझीदारी टेस्ट इतिहास में, पहले विकेट के लिए 2016 में औसत के मामले में, सबसे प्रभावी बनी हुई है।
PunjabKesari
हॉब्स की 56.94 की टेस्ट बल्लेबाजी औसत, सलामी बल्लेबाजों में केवल लेन हटन और सटक्लिफ से कम है। वह आराम से अपने करियर के दौरान अग्रणी टेस्ट रन बनाने वाले थे और अपने रिटायरमेंट के समय उनके सबसे ज्यादा टेस्ट रन थे। 1910 और 1929 के बीच में उनकी टेस्ट क्रिकेट में 65.55 की औसत थी।