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नई दिल्ली : टीम इंडिया के कभी सबसे स्टीक गेंदबाजों में से एक रहे प्रवीण कुमार ने कहा है कि टीम से बाहर होने से वह इतने डिप्रैशन में आ गए थे कि वह खुद को गोली से उड़ा देना चाहते थे। एक इंटरव्यू के दौरान डिप्रैशन से वापसी पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी क्रिकेटर के लिए राष्ट्रीय टीम से खेलना गर्व का पल होता है। मैंने क्रिकेट खेली। लेकिन मैं इससे तब बाहर हुआ जब मुझे इसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी। 

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2008 में ऑस्ट्रेलिया में खेली गई सीबी सीरीज में शानदार प्रदर्शन करने के लिए जाने जाते प्रवीण ने कहा कि टीम इंडिया से बाहर होने पर वह डिप्रैशन में चले गए थे। तब यह समय सबसे खराब था। दिल करता था कि अपने रिवॉल्वर से खुद को शूट कर लूं। प्रवीण ने इस दौरान चोटें और इन-डिस्पिलिन  के आरोपों पर भी बात की।

प्रवीण ने कहा कि चोटों से मेरा करियर प्रभावित रहा। इस दौरान बताया गया कि मैं ज्यादा पीता हूं। कृप्या आप मुझे बताए कि कौन नहीं पीता। लोगों ने पता नहीं क्यों खुद ही यह धारणा बना ली। कोई व्यक्ति मेरे द्वारा की गई अच्छी चीजों को नहीं देखता। मैं युवा बच्चों को स्पांसर करता हूं। मैंने 10 लड़कियों की शादी करवाई हैं। मैंने क्रिकेटरों की आर्थिक मदद की है। इंडिया में बस एक हवा बनाते हैं लोग। मेरी हवा गलत बनाई गई। हवा तो हवा है, एक बार चल गई तो कोई कुछ नहीं कर सकता। 

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प्रवीण ने बताया कि जूनियर क्रिकेट खेलते समय एक बार मेरी दाईं आंख पर चोट लगी थी। मुझे एक आंख से ठीक से दिखाई नहीं देता। मैंने दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज कराया। डॉक्टर ने कहा कि वे एक प्रत्यारोपण कर सकते हैं लेकिन दृष्टि की वापसी की गारंटी नहीं दे सकते हैं। केस खराब भी हो सकता है। तब मेरे पिता ऑप्रेशन के विरोध में थे। प्रवीण ने बताया कि जब तक वह टीम इंडिया में रहे तब तक सिर्फ रोहित शर्मा को ही उनकी इस कमजोरी के बारे में पता था। 

वहीं, अगर मेरी बल्लेबाजी स्किल की अगर बात की जाए तो मैं बताना चाहता हूं कि मैं ज्यादातर स्लो गेंदों पर ही आऊट हुआ हूं। इसका एक कारण यह भी है कि मुझे बॉल दिखती नहीं थी। बाऊंसर के मामले में भी मेरे साथ ऐसा ही होता था। मुझे कभी भी लैंथ बॉल खेलने में दिक्कत नहीं हुई। 

प्रवीण कुमार का प्रदर्शन

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टेस्ट : 6 मैच, 27 विकेट
वनडे : 68 मैच, 77 विकेट
टी-20 : 10 मैच, 8 विकेट
फस्र्ट क्लास : 66 मैच, 267 विकेट
लिस्ट ए : 139 मैच, 185 विकेट
ट्वंटी-20 : 177 मैच, 27 विकेट