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नई दिल्लीः 21वें फुटबाल वर्ल्ड कप का इंतजार खत्म हो चुका है। 14 जून से 32 देशों की टीमें ने गोलपोस्ट पर गोल दागने के लिए जोर-आजमाइश शुरू कर दी। ये वर्ल्ड कप इस मायने में भी खास है क्योंकि पहली बार इस टूर्नामेंट में आधुनिक तकनीकी का इस्तेमाल मैच को रोमांचक बनाने के लिए किया जा रहा है। 

नई तकनीकी से लैस वीडियो असिस्टेंट रेफरी यानी कि वीएआर तकनीकी का इस्तेमाल खिलाड़ियों पर नजर रखने के लिए किया जाएगा। फीफा वर्ल्ड कप टूर्नामेंट में पहली बार चिप लगी हुई गेंद टेलस्टार-18 से मैच खेले जाएंगे। ये गेंद ​एडिडास कंपनी ने डिजाइन की है। फीफा वर्ल्ड कप 32 दिन चलने वाला है। इस वर्ल्ड कप का फाइनल मैच 15 जुलाई को खेला जाएगा। इस बार वर्ल्ड कप का मेजबान देश रूस है। रूस ने इस टूर्नामेंट को खास बनाने के लिए करीब 12 हजार करोड़ रुपये खर्च किए हैं।

पाकिस्तान में बनी है गेंद
फीफा विश्वकप की आधिकारिक गेंद टेलस्टार-18 है। ये गेंद पाकिस्तान के सियालकोट की कंपनी फॉरवर्ड स्पोर्टस ने बनाई है। एडिडास इस कंपनी के साथ 1994 से काम कर रही है। इसी कंपनी ने साल 2014 और 2018 में भी वर्ल्ड कप के लिए गेंद डिजाइन की थी। फॉरवर्ड स्पोर्टस हर महीने 7 लाख गेंद बनाती है। एक टेलस्टार-18 गेंद की कीमत करीब 8,312 रुपये है। मशहूर खेल सामग्री निर्माण कंपनी एडिडास ने लगातार 13वीं बार वर्ल्ड कप के लिए गेंद डिजाइन की है।