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नई दिल्ली :  टीम इंडिया जब मई 2007 में बांगलादेश के खिलाफ ढाका के मैदान पर दूसरा टेस्ट खेलने उतरी थी तो क्रिकेट फैंस को इसकी उम्मीद नहीं थी कि यह सबसे यादगार टेस्ट बन जाएगा। भारतीय टीम ने इस मैच की पहली पारी में चार शतक लगाए। यह चारों शतक पहले चार बल्लेबाजों ने लगाए। क्रिकेट इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।

ढाका के मैदान पर भारतीय टीम की ओर से दिनेश कार्तिक और वसीम जाफर ओपनिंग के लिए उतरे थे। 138 रन के स्कोर पर जब वसीम जाफर पवेलियन लौटे तो राहुल द्रविड़ ने भी आकर शतक (129) लगाया। ओपनर दिनेश जब 129 रन बनाकर पवेलियन लौटे तो सचिन ने 122 रन बनाकर यह अनोखा रिकॉर्ड टीम इंडिया के नाम कर दिया। टीम इंडिया ने पहली पारी में महज 3 विकेट खोकर 610 रन बना दिए थे।

 

जवाब में खेलने उतरी बांगलादेश की पहली पारी भारतीय तेज गेंदबाज जहीर खान के आगे नतमस्तक हो गई। जहीर ने पांच विकेट लिए जिससे बांगलादेश 118 रनों पर ढेर हो गया। हालांकि फालोऑन खेलने आई बांगलादेश टीम ने दूसरी पारी में अच्छी बल्लेबाजी की। सलेह के 42, मोहम्मद अशरफुल के 67 तो मशरफी मुर्ताजा के 70 रनों की बदौलत बांगलादेश 253 रन ही बना पाई। टीम इंडिया ने पारी और 239 रनों से यह मैच जीता जोकि टेस्ट क्रिकेट में तीसरी सर्वश्रेष्ठ जीत है।

 

इस मैच की खासियत यह भी थे कि भारतीय टीम का पहला विकेट 410 रन पर गिरा था। दरअसल ओपनर कार्तिक और जाफर दोनोंने शतक लगाए थे। लेकिन जाफर के आऊट होने के बाद द्रविड़ मैदान पर आ गए। टीम इंडिया अभी भी बिना विकेट गंवाए खेल रही थी। 408 रन पर जाकर टीम इंडिया का पहला विकेट गिरा लेकिन तब तक द्रविड़ भी सेंचुरी बना चुके थे।