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जालन्धर : क्रिकेट विश्व कप में सिलेक्शन न होने के चलते संन्यास ले चुके अंबाति रायुडू के बारे में एक चौकाने वाला सच सामने आया है। सिलेक्टर्स पर अनदेखी का आरोप लगाने वाले रायुडू 2007 में हैदराबाद की रणजी टीम को बीसीसीआई के विरोधी खेमे यानी आईसीएल में लेकर चले गए थे। दरअसल बीसीसीआई के विरोध में कुछ खिलाडिय़ों ने इंडियन क्रिकेट लीग यानी आईसीएल शुरू की थी। आईसीएल प्रबंधन ने पहले तो इंटरनैशनल खिलाडिय़ों से संपर्क साधा था लेकिन बेहतर रिस्पॉन्स न मिलने पर उन्होंने रणजी प्लेयरों की ओर रुख कर लिया। इस कड़ी में अंबाति रायुडू ऐसे पहले क्रिकेटर थे जो अपनी हैदराबाद की पूरी टीम को आईसीएल में लेकर गए और हर क्रिकेटर का करार करवा दिया। 

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रायुडू उस वक्त हैदराबाद की रणजी टीम के कप्तान थे। रिपोर्ट मुताबिक तब रायुडू को हैदराबाद टीम को सचिन तेंदुलकर माना जाता था। ऐसे में उनके साथ ही कई खिलाड़ी आईसीएल में शामिल हो गए। बताया जाता है कि आईसीएल के कैंप में तब अंबति रायडू, अनिरुद्ध सिंह, इब्राहिम खलील, डी विनय कुमार और कौशिक रेड्डी शामिल हुए थे। बाकी खिलाड़ी बीसीसीआई के सख्त रवैये के कारण डर गए थे। इसलिए वह चुपचाप अपनी टीम में लौट आए थे। 

PunjabKesariबगावती लीग शुरू होने के बाद से ही बीसीसीआई सख्त हो गया था। उन्होंने सभी क्रिकेटर्स के लिए फरमान जारी किया था जो खिलाड़ी आईएसएल में खेलेगा उस पर बैन लगा दिया जाएगा। बीसीसीआई का यह फैसला काम कर गया। ऐसे में खिलाडिय़ों को बोर्ड से जोड़े रखने के लिए इंडियन प्रीमियर लीग की शुरुआत हुई। तब ललित मोदी ने इसकी रूपरेखा खींची थी।