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ओस्लो ,नॉर्वे ( निकलेश जैन ) में अमेरिका के वेसली सो नें अपने बेहतरीन खेल से मौजूदा विश्व क्लासिकल चैम्पियन नॉर्वे के मेगनस कार्लसन को बड़े भारी अंतर 13.5-2.5 से पराजित करते हुए पहले आधिकारिक विश्व फिशर रैंडम शतरंज चैंपियनशिप पर कब्जा जमा लिया । शतरंज में मोहरो की स्वाभाविक शुरुआती स्थिति को बदल कर खेल के इस फॉर्मेट का आविष्कार अमेरिका के ही पूर्व महान खिलाड़ी और विश्व चैम्पियन बॉबी फिशर नें किया था ।

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फ़ाइनल मुक़ाबले में जब तीसरे दिन तेज रैपिड 15 मिनट +2 सेकंड प्रति खिलाड़ी के मैच शुरू हुए तो वेसली सो जो की 10-5-1.5 से आगे चल रहे थे उन्हे जीतने के लिए सिर्फ 2 अंको की जरूरत थी जबकि सफ़ेद मोहरो से खेल रहे मेगनस कार्लसन के सामने बचे हुए सभी 6 मुक़ाबले जीतने की चुनौती थी । दोनों के बीच पहला मुक़ाबला ड्रॉ रहा और स्कोर 11.5-2.5 हो गया और ऐसे में दूसरे मुक़ाबले में जीतने के लिए कार्लसन नें काले मोहरो से पूरा दम लगाते सो के राजा पर आक्रमण करने के लिए अपना ऊंट भी कुर्बान कर दिया पर सो के बेहतरीन बचाव के सामने कार्लसन को जल्द ही हार स्वीकार करनी पड़ी और इस तरह वेसली सो नें विश्व फिशर रैंडम शतरंज चैम्पियन बन गए कार्लसन को उपविजेता के स्थान से संतोष करना पड़ा ।

देखे अंतिम मुक़ाबले का विश्लेषण - हिन्दी चेसबेस इंडिया के सौजन्य से 

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तीसरे स्थान पर रूस के इयान नेपोंनियची रहे जिन्होने अमेरिका के फबियानों करूआना को  12.5 -5.5 के अंतर से पराजित किया ।