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बर्मिंघम : बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के पहले पदक विजेता भारोत्तोलक संकेत महादेव सरगर 55 किग्रा वर्ग में रजत पदक हासिल करने के दौरान लगी कोहनी की चोट (यूसीएल) के इलाज के लिए ब्रिटेन में ही रुके रहेंगे। 

‘अलनार कॉलेटेरल लिगामेंट' यानि यूसीएल की चोट को ठीक होने में कम से कम तीन महीने का समय लगता है। संकेत जब पदक वितरण समारोह में आए थे तो उनके दाहिने हाथ में पट्टियां बंधी थी। टीम सूत्रों ने कहा, ‘संकेत के पास दो विकल्प थे। वापस भारत जाकर वहां उपचार कराना या फिर यहीं इलाज करवाना। शुरुआती परीक्षण के बाद हमें लगा कि ब्रिटेन में रुक कर ही इलाज कराना उचित रहेगा। हम कोहनी से जुड़े विशेषज्ञ से बात कर रहे हैं और सरकार ने उनके इलाज के लिए मंजूरी दे दी है।' 

महाराष्ट्र के 21 वर्षीय संकेत ने कुल 248 किग्रा (स्नैच में 113 और क्लीन एवं जर्क में 135 किग्रा) वजन उठाकर भारत के लिए पदक जीता था। संकेत को मलेशिया के स्वर्ण पदक विजेता अनिक कासदान से कड़ी चुनौती मिली। संकेत ने आखिर में 248 किग्रा भार उठाने का प्रयास किया लेकिन इस वजन को उठाने की कोशिश में उनकी कोहनी चोटिल हो गई थी।