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नई दिल्ली : भारतीय भारोत्तोलक संजीता चानू खुद पर लगे अस्थाई निलंबन के हटने से खुश हैं और उन्होंने बुधवार को कहा कि डोपिंग आरोपों से लड़ते हुए वह इतनी निराश हो गई थीं कि एक समय उन्होंने खेल छोडऩे का मन बना लिया था। राष्ट्रमंडल खेलों की दो बार की स्वर्ण पदकधारी को अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ (आईडब्ल्यूएफ) ने राहत देते हुए 2017 में हुए परीक्षण में उन पर पिछले साल लगा अस्थाई निलंबन वापस ले लिया। हालंकि अभी इस मामले पर अंतिम फैसला विश्व संस्था के सुनवाई पैनल द्वारा लिया जाएगा।

Was on the verge of quitting weightlifting and job after Doping

संजीता ने कहा कि मैं खुश हूं कि अस्थाई निलंबन हट गया है और मुझे पूरा भरोसा है कि आईडब्ल्यूएफ के सुनवाई पैनल द्वारा फैसला मेरे पक्ष में आएगा। लेकिन साथ ही मैं यह सोचकर दुखी हूं कि मैं इसके कारण कितने मानसिक तनाव से गुजरी हूं। उन्होंने कहा- मैं इतनी दुखी थी कि मैंने खेल छोडऩे का मन बना लिया था। मैंने अपने माता पिता को कहा कि मैं अपनी नौकरी (भारतीय रेल में सीनियर टीटीई) से इस्तीफा दे दूंगी। मैं ठीक से खा और सो नहीं सकी थी। मेरे लिए जीवन बेमतलब-सा हो गया था।

Was on the verge of quitting weightlifting and job after Doping

संजीता ने कहा- लेकिन किसी तरह मेरे परिवार ने मुझे मना लिया कि बेहतर यही होगा कि इस तरह के कदम उठाने से पहले मैं खुद को निर्दोष साबित करूं। करीब एक साल तक चले मामले में संजीता के नमूने के नंबर को लेकर प्रशासनिक गड़बड़ी की आशंका जताई गई थी। संजीता इस समय नगालैंड के दीमापुर में पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे में काम करती हैं और उन्होंने कहा कि डोपिंग मामले के कारण उनकी पदोन्नति भी रोक दी गई थी।  उन्होंने कहा कि मैं जानती हूं कि क्या प्रतिबंधित पदार्थ है और क्या नहीं। यह सब राष्ट्रीय शिविरों में नियमित तौर पर बताया जाता है। अचानक ही मुझे बताया गया कि मैं डोप परीक्षण में विफल हो गई हूं और वो भी नमूने लिए जाने के छह महीने बाद और इसके बाद मैंने राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता था।

Was on the verge of quitting weightlifting and job after Doping

संजीता ने राष्ट्रमंडल खेलों में 2014 (48 किग्रा में) और 2018 (53 किग्रा में) में स्वर्ण पदक जीते थे। उन्होंने कहा- किसी भी एथलीट के लिए डोपिंग के आरोपों से गुजरना काफी कष्टकारक होता है जिसने कभी भी प्रतिबंधित पदार्थ का इस्तेमाल नहीं किया हो। मैं निर्दोष हूं और अब मेरा पक्ष सही साबित हुआ। डोपिंग आरोपों ने मेरी साख को नुकसान पहुंचाया।