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नई दिल्ली : दिल्ली डायनामोस के निलंबित खिलाड़ी राणा घरामी ने राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) और अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) को बताया कि वह बुखार के उपचार के लिए ली गई दवाई में किसी भी प्रतिबंधित पदार्थ की मौजूदगी के बारे में वाकिफ नहीं थे। अप्रैल में घरामी को नाडा ने प्रतिबंधित पदार्थ के सकारात्मक पाए जाने के बाद अस्थायी रूप से निलंबित किया था।

इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) फुटबालर के इस तरह डोपिंग में पाए जाने का यह पहला मामला था। घरामी ने अपने बचाव में कहा कि उन्होंने यह दवाई परिवार के डाक्टर के लिखे जाने के बाद ली थी और वह जल्द ही ही इससे ठीक भी हो गए थे। घरामी ने कहा था- जब हम पिछले आईएसएल के दौरान ब्रेक पर गए थे तो मैं घर पर बीमार हो गया था। बुखार जा ही नहीं रहा था और मैंने परिवार के डाक्टर की सलाह पर दवाई ली जिससे मैं ठीक हो गया। मैंने इसके बारे में पत्र लिखकर एआईएफएफ को भी सूचित किया था।

घरामी ने कहा- ब्रेक के बाद मुझे डोप परीक्षण कराना पड़ा और हैरानी की बात कि यह पाजीटिव आया। यह सचमुच निराशानजक है। उन्हें 31 जनवरी को नयी दिल्ली में आईएसएल मैच के दौरान किए गए टूर्नामेंट दौरान के परीक्षण में प्रेडनिसोन और प्रेडनिसोलोने मेटाबोलाइट के लिए पाजीटिव पाया गया था। घरामी ने नाडा से उनके मामले पर दोबारा विचार और उन्हें अपना फुटबॉल करियर जारी रखने की अनुमति देने की अपील की थी।