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मेलबोर्न : अंतररष्ट्रीय मुकाबले में गेंद से छेदछाड़ करने के चलते एक साल का प्रतिबंध झेल चुके ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज खिलाड़ी डेविड वार्नर और स्टीवन स्मिथ को लेकर पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग ने कहा है कि दोनों बड़े खिलाड़ी है और विश्व कप में वापसी करने के बाद वे परिस्थितियों को संभाल लेंगे। वार्नर और स्मिथ ने अपना आखिरी अंतररष्ट्रीय वनडे मुकाबला जनवरी 2018 में खेला था। वे पिछले वर्ष मार्च में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मुकाबले के दौरान गेंद से छेदछाड़ करने के लिए दोषी पाएं गए थे जिसके बाद दोनों पर अंतररष्ट्रीय क्रिकेट से एक-एक साल का प्रतिबंध लगाया गया था।

पोंटिंग ने विश्व कप में उनकी वापसी को लेकर कहा, ‘वे दोनों अच्छा खेल रहे है। वे शानदार खिलाड़ी हैं। जब वे खेलने जायेंगे तब उन्हें स्टेडियम में मौजूद लोगों की बातें सुननी पड़ सकती हैं लेकिन वे बड़े खिलाड़ी हैं और उन्होंने बहुत कुछ देखा है। मुझे विश्वास है कि वे परिस्थितियों को संभाल लेंगे।' पोंटिंग ने ऑस्ट्रेलिया के विश्वकप जीतने की संभावना को लेकर कहा,' ऑस्ट्रेलिया का विश्व कप जीतना इस बात से तय होगा कि किस तरह उसके गेंदबाज स्पिन गेंदबाजी करते है और बल्लेबाज किस तरह से स्पिन को खेलते हैं।'

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पूर्व कप्तान ने टीम के प्रदर्शन के लिए कहा, ‘एडम जम्पा अब अच्छी गेंदबाजी कर रहे है। नाथन लियोन भी टीम में हैं और ग्लेन मैक्सवेल ने भी बल्ले से अच्छा प्रदर्शन किया हैं। पिछले 12-18 महीने में टीम का मध्य क्रम स्पिन गेंदबवाजी को अधिक बेहतर तरीके से खेल रहा है। स्मिथ और वार्नर के टीम में वापस शामिल होने से मध्य क्रम स्पिन को खेलने के लिए ओर अधिक मजबूत दिखाई देता है।' पोंटिंग विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया के मुख्य कोच जस्टिन लेंगर के साथ सहायक कोच के रूप में काम करेंगे।उन्होंने टूर्नामेंट में ऑस्ट्रेलिया के रणनीति को लेकर कहा, ‘आपको टूर्नामेंट में अपना सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट खेलना होगा जो ऑस्ट्रेलिया ने हमेशा किया है। जब बड़े मुकाबलों में अच्छे प्रदर्शन की जरुरत हो तब टीम ने हमेशा अच्छा प्रदर्शन किया है। वर्तमान खिलाड़ियों के पास विश्व कप जीत कर इतिहास में अपना नाम दर्ज कराने का सुनहरा मौका है।'

उल्लेखनीय है कि पोंटिंग विश्व के सबसे सफलतम कप्तान हैं। उनकी कप्तानी में टीम ने 2003 और 2007 विश्व कप अपने नाम किया था। वह इंडियन प्रीमियर लीग 12 में दिल्ली कैपिटल्स के मुख्य कोच थे। उनके मार्गदर्शन में दिल्ली 6 साल बाद क्वालीफायर्स में पहुंचने में कामयाब हुयी थी और टीम ने पहली बार एलिमिनेटर मुकाबला भी जीता था हालांकि टीम फाइनल में प्रवेश नहीं कर सकी थी।