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मुंबई : भारतीय टेस्ट टीम के लिए दक्षिण अफ्रीका ऐसी अंतिम जगह बची है जहां जीत की पताका लहराना बाकी है लेकिन कप्तान विराट कोहली को पूरा भरोसा है कि उनकी टीम इस देश के आगामी दौरे पर ‘कुछ विशेष' करके वहां श्रृंखला जीत सकती है। भारतीय टीम 26 दिसंबर से शुरू होने वाली तीन मैचों की टेस्ट श्रृंखला में जब दक्षिण अफ्रीका से भिड़ेगी तो कोहली की कप्तानी में विदेशों में अपने हाल के प्रभावशाली रिकॉर्ड को बेहतर करना चाहेगी। 

कोहली ने कहा कि अनुभव, भरोसे और आत्मविश्वास के मामले में हम बहुत अच्छी स्थिति हैं और इस बार हम कुछ विशेष कर सकते हैं और बतौर टीम हम जो नतीजा चाहते हैं, वो हासिल कर सकते हैं और शायद सबसे मुश्किल परिस्थितियों से निपटकर श्रृंखला जीत सकते हैं। दक्षिण अफ्रीका ऐसी जगह है जहां हमने अभी तक एक भी श्रृंखला नहीं जीती है। इसलिए हम ऐसा करने के लिए प्रेरणा से भरे हुए हैं। हमारी मानसिकता हमेशा यही है कि हम जिस भी देश में खेलने जाएं, वहां जाकर श्रृंखला जीतें।

कोहली ने कहा कि हम अब एक टेस्ट यहां और एक टेस्ट वहां जीतने के बारे में नहीं सोचते। हम बतौर टीम अपना सर्वश्रेष्ठ करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि हम इसमें योगदान करना जारी रखें। भारत ने आस्ट्रेलिया को दो बार उसके ही घर में हराकर इतिहास रच दिया और इस साल के शुरू में ब्रिटेन के दौरे पर भी वह 2-1 से बढ़त बनाए थी लेकिन कोविड-19 मामलों के कारण इस दौरे को निलंबित करना पड़ा। भारत ने दक्षिण अफ्रीका में 20 टेस्ट खेले हैं जिसमें से टीम केवल तीन में जीत दर्ज कर सकी है और 2018 के अंतिम दौरे पर उन्होंने कड़ी चुनौती पेश की लेकिन फिर भी श्रृंखला 1-2 से हार गए थे।

भारत ने हाल में घरेलू सरजमीं पर दो मैचों की टेस्ट श्रृंखला में न्यूजीलैंड को 1-0 से शिकस्त दी थी। टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में केवल तीन टीमें - इंग्लैंड, आस्ट्रेलिया और श्रीलंका ही दक्षिण अफ्रीका को उसकी सरजमीं पर हरा सकी हैं। कोहली ने कहा कि हम निश्चित रूप से इससे काफी प्रेरणा ले सकते हैं। हमने उस दौरे पर सबसे मुश्किल परिस्थितियों में जीत हासिल की थी। इससे हमारा आत्मविश्वास काफी बढ़ना चाहिए।

कोहली ने कहा कि अगर हमारी मानसिकता सही होगी तो हम श्रृंखला काफी आत्मविश्वास के साथ शुरू करेंगे और हम निश्चित रूप से किसी भी चुनौती का डटकर सामना कर सकते हैं और इसका पूरा लाभ उठा सकते हैं। हम उस जीत से काफी प्रेरणा लेंगे और हमारा आत्मविश्वास बढ़ेगा। भारत हाल के समय में हरफनमौला हार्दिक पंड्या की अनुपस्थिति में पांच गेंदबाजों के संयोजन पर डटा रहा है। लेकिन इस बार स्पिन गेंदबाजी हरफनमौला रविंद्र जडेजा हाथ की चोट के कारण बाहर हैं तो दौरे पर उसकी पूरी परीक्षा होगी। 

कोहली ने कहा कि उन्हें अनुभवी जडेजा की कमी खलेगी लेकिन यह ‘निर्णायक कारक' नहीं होगा। जडेजा निश्चित रूप से हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण खिलाड़ी रहा है। वह खेल के तीनों विभागों में योगदान करता है जो काफी महत्वपूर्ण है, विशेषकर विदेशी परिस्थितियों में। उसकी निश्चित रूप से कमी खलेगी। लेकिन हमारी टीम में मैदान पर सर्वश्रेष्ठ संभव संयोजन उतारने के लिए काफी बेहतरीन खिलाड़ी मौजूद हैं जिससे हम टेस्ट मैच जीतने की स्थिति में पहुंच सकते हैं। हमने ऐसी ‘बेंच स्ट्रेंथ' बनाई है जहां लोग आकर मौके का पूरा फायदा उठाते हैं और सुनिश्चित करते हैं कि टीम को उनके प्रदर्शन का फायदा मिले।

उन्होंने कहा कि इसलिए मुझे नहीं लगता कि इस श्रृंखला में उनका नहीं होना ‘निर्णायक कारक' होगा। ‘बाक्सिंग डे' से शुरू होने वाले पहले टेस्ट से पहले कोई अभ्यास मैच नहीं होगा लेकिन कोहली ने मैदान पर मैच की परिस्थितियों के अनुकूल अभ्यास पर जोर दिया। मुझे लगता है कि इस तरह की चीजों से वास्तव में मदद मिलती है, जब आप उन परिस्थितियों में खेलते हैं जो मेरी राय में तेजी और उछाल के कारण बल्लेबाजी के लिये सबसे चुनौतीपूर्ण होती हैं।