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स्पोर्ट्स डेस्क : विराट कोहली ने कप्तानी छोड़ने के फैसले पर बयान दिया है। विराट ने कहा कि मैंने 2019 में एबी से इसके बारे में बात की थी। यह कोई नई बात नहीं है, आईपीएल खेलने के साथ-साथ मैं हमेशा यह सोच रहा था कि कैसे एक कैलेंडर वर्ष के दौरान ख़ुद के लिए एक शांतिपूर्ण वातावरण बनाया जाए। हमारे बीच इस बात को लेकर चर्चाएं हुईं और मैंने सोचा ‘ठीक है, मैं इसे एक और साल के लिए समय दिया जाए ताकि हम बेहतर तरीक़े से इसके बारे में विचार कर सके। हमने टीम प्रबंधन का पुनर्गठन किया था और 2020 में चीज़ें काफ़ी बेहतर थीं। 

इसलिए मुझे उस स्तर पर थोड़ा और आराम मिला। लेकिन स्पष्ट रूप से महामारी की अपनी चुनौतियां हैं, कुछ दिनों के लिए घर जाने और वापस आने का आपके पास कोई ऑप्शन नहीं है। यह एक व्यक्ति के रूप में आप पर भारी पड़ता है लेकिन यह मेरे लिए निर्णायक कारक नहीं रहा है। मेरा द्दष्टिकोण स्पष्ट था, भले ही कोविड काल आता या नहीं आता, मुझे किसी न किसी स्तर पर अपने कार्यभार का प्रबंधन करना था। 

विराट ने कहा कि एक बात हमेशा कही जाती है कि जब आपको कप्तानी की पेशकश की जाती है तो आप इसे नहीं लेना चाहते क्योंकि आप अपने खेल पर ध्यान देना चाहते हैं। एक और बात कही जाती है कि आपने वास्तव में इस पदभार को संभाला है, 7-8 वर्षों के तक खुद को साबित किया है और तब यह लाज़िमी है कि आप आराम से इस पदभार से मुक्त हो जाएं। 

विराट ने आगे कहा कि मैं अपने आस-पास एक ऐसा ढांचा नहीं बनाना चाहता था जहां मुझे लगे कि मैं ख़ुद मैदान पर अपनी पूरी क्षमताओं का प्रयोग नहीं कर पा रहा हूं क्योंकि मेरा काम सबसे पहले एक खिलाड़ी के रूप में यह सुनिश्चित करना है कि मैं सक्षम होने के लिए सबसे अच्छे मानसिक स्थिति में रहूं ताकि मैं टीम में अपना बेस्ट दे सकूं। जैसे एबी ने कहा कि यह कोई स्वार्थी होने जैसी बात नहीं है। क्योंकि आप वास्तव में जो करना चाहते हैं वह टीम के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदान करना चाहते हैं।