अहमदाबाद : भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली तीसरे पिंक बॉल टेस्ट के दौरान अहमदाबाद पिच को लेकर अपनी राय पर अडिग हैं। उनका यही मानना है कि पिच में कोई खराबी नहीं थी और केवल खराब बल्लेबाजी के कारण ही तीसरा टेस्ट मैच दो दिनों में समाप्त हो गया। उन्होंने साथ ही कहा कि सीमित ओवर से टेस्ट और फिर टेस्ट क्रिकेट से सीमित ओवर क्रिकेट खेलने के कारण खिलाड़ियों की डिफेंस तकनीक बिगड़ गई है, डिफेंस शॉट टेस्ट क्रिकेट का एक महत्वपूर्ण पहलू है जो पीछे छूट गया है। इस पर कोई बात नहीं करना चाहता है।
कोहली ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट में डिफेंस शॉट बहुत महत्वपूर्ण है। टेस्ट क्रिकेट में मैंने जो उदाहरण देखे हैं, उसमें से कोई भी मैच ले लें, अगर दो बल्लेबाज 45 मिनट तक मुश्किल गेंदबाजी का सामना कर रहे हैं तो क्या वे 10 रन बना सकते हैं और गेंदबाजों को आउट करने का कोई मौका दिए बिना बच सकते हैं? मुझे लगता है कि सीमित ओवर क्रिकेट के प्रभाव के नतीजे हमें टेस्ट क्रिकेट में देखने को मिल रहे हैं, लेकिन हमारे पास इसका तोड़ डिफेंस शॉट भी है, जो टेस्ट क्रिकेट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसके साथ समझौता हो रहा है।
यही कारण है कि लोग कहते हैं कि 300-350 स्कोर जल्दी बनाओ। मुझे नहीं लगता कि वे पांच दिनों के टेस्ट मैच के चार या पांच सत्रों में मेहनत पर ध्यान केंद्रित करते हैं, ऐसा इसलिए क्योंकि शायद उनका डिफेंस शॉट पर ज्यादा ध्यान नहीं होता। इसकी एक वजह बार-बार क्रिकेट का प्रारूप बदलना भी हो सकता है, क्योंकि सीमित ओवर क्रिकेट में तेज गति से खेलना पड़ता है।
भारतीय कप्तान ने कहा,‘'मुझे लगता है कि धीमी पिचों पर खेलने के लिए कौशल की आवश्यकता है और जरूरी नहीं कि सिफर् स्वीप शॉट ही खेला जाए। आप अपना खुद का तरीका भी ढूंढ़ सकते हैं। मेरे द्दष्टिकोण से मुश्किल परिस्थितियों में डिफेंस शॉट मेरा सबसे अच्छा समाधान है, जहां मुझे पता है कि मैं बचाव कर सकता हूं और गेंद सिली प्वाइंट या शॉटर् लेग पर नहीं जाएगी। यह खेल का एक पहलू है जो पीछे छूट गया है।