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जालन्धर : भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने गर्दन की चोट के कारण काउंटी क्रिकेट से अपना नाम वापस ले लिया है। बताया गया- जरूरत से ज्यादा क्रिकेट खेलने के कारण कोहली को यह परेशानी हुई है। कोहली साल में औसतन 60 से ज्यादा मैच खेल रहे हैं। जबकि जब सचिन तेंदुलकर का समय था तब वह साल में मात्र 40 मैच खेलते हैं। यह 33 प्रतिशत ज्यादा है। मैच बढऩे की सबसे बड़ी वजह ट्वंटी-20 क्रिकेट का बढऩा भी है। ऊपर से आईपीएल के 14 मैच भी थकान से भरे होते हैं क्योंकि इस दौरान खिलाडिय़ों को कई तरह के इवेंट में भी हिस्सा लेना पड़ता है। ऐसे में उनके पास शरीर का आराम देने का समय ही नहीं बचता।

भारतीय क्रिकेट के दिग्गज सुनील गावस्कर ने 1971 में जब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलनी शुरू की थी तब वनडे क्रिकेट होंद में नहीं आया था। ऐसे में गावस्कर साल में आठ से दस टेस्ट ही खेला करते थे। 1974 में जब वनडे क्रिकेट की शुरुआत हुई तो अगले पांच-छह सालों में सभी टीमें करीब 10 से 12 वनडे मैच खेलने लगीं। वहीं, 90 के दशक में जब सचिन तेंदुलकर का दौर आया तो वनडे मैचों की संख्या बढ़कर 30 तक पहुंच चुकी थी। तब तेंदुलकर साल में 10 टेस्ट खेला करते थे।

आईपीएल भी बढ़ा कारण
आईपीएल जब से शुरू हुआ है क्रिकेटरों की व्यवस्ताएं बढ़ गई हैं। क्योंकि आईपीएल के दौरान लगातार मैच होते हैं ऐसे में क्रिकेटरों को आराम नहीं मिल पाता। ऊपर से इंडिया के विभिन्न खेल ग्राउंडस में मैच खेलने के लिए लंबी ट्रैवलिंग भी खिलाडिय़ों को करनी पड़ती है, जोकि बेहद थकान से भरी होती है। ऊपर से प्रमोशनल इवेंट, नाइट पार्टीज़ भी बड़ा कारण है कि क्रिकेटरों को पूरा आराम नहीं मिल पाता।

रोहित शर्मा और हार्दिक ने खेले हैं सर्वाधिक मैच
कप्तान विराट कोहली ही नहीं रोहित शर्मा और हार्दिक पांड्या भी उन क्रिकेटरों में शामिल हैं जो साल में ज्यादा क्रिकेट खेल रहे हैं। विराट ने तो चाहे शादी के कारण कुछ महीनों के लिए क्रिकेट से आराम लिया था लेकिन यह दोनों क्रिकेटर लगातार खेल रहे हैं। अभी इंगलैंड का लंबा दौरा आने वाला है। ऐसे में इंगलैंड की कंडीशन पर फिटनेस बनाए रखना भी भारतीय खिलाडिय़ों के लिए बड़ी चुनौती हो सकता है।