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अब इंग्लैंड से होगी खिताबी जंग

ओसबोर्न : अपनी असाधारण प्रतिभा की बानगी पेश करने वाले कप्तान यश धुल के शानदार शतक की मदद से भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 96 रन से हराकर लगातार चौथी बार अंडर 19 विश्व कप के फाइनल में प्रवेश कर लिया। धुल ने 110 गेंद में 110 रन बनाए और उप-कप्तान शेख रशीद के साथ 204 रन की साझेदारी की। रशीद ने 108 गेंद में 94 रन बनाए। दोनों ने पहले बल्लेबाजी करते हुए टीम को पांच विकेट पर 290 रन तक पहुंचाया। 

इसके बाद भारतीय गेंदबाजों ने अपने काम को बखूबी अंजाम दिया और आस्ट्रेलिया को 41.5 ओवर में 194 रन पर आउट कर दिया। ऑस्ट्रेलिया के लिए सिर्फ लाचलान शॉ 51 रन बना सके लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। भारत के लिए विकी ओस्तवाल ने तीन, रवि कुमार और निशांत सिंधू ने दो दो और कुशाल ताम्बे ने एक विकेट लिया। वहीं तेज गेंदबाज राजवर्धन हंगरगेकर ने किफायती गेंदबाजी करते हुए सिर्फ 26 रन दिए। 

रिकॉर्ड चार बार के चैम्पियन भारत का सामना अब शनिवार को फाइनल में इंग्लैंड से होगा। धुल टूर्नामेंट के इतिहास में शतक लगाने वाले तीसरे भारतीय कप्तान हो गए। इससे पहले विराट कोहली (2008) और उन्मुक्त चंद (2012) यह कमाल कर चुके हैं और तीनों दिल्ली के हैं। 

धुल ने मैच के बाद कहा, ‘रशीद और मैं आखिर तक बल्लेबाजी करना चाहते थे और यह रणनीति कामयाब रही। टूर्नामेंट में शतक बनाने वाला तीसरा भारतीय कप्तान बनना गर्व का पल है।' उन्होंने कहा, ‘बहुत शॉट्स खेले बिना डटकर बल्लेबाजी करनी थी। हम दोनों का तालमेल अच्छा था।' टूर्नामेंट के इतिहास की सबसे कामयाब टीम भारत को शुरूआत में कोरोना संक्रमण से जूझना पड़ा जिसकी वजह से धुल और रशीद दो मैच नहीं खेल पाए लेकिन टीम में गहराई इतनी है कि नाकआउट तक पहुंचने में कोई दिक्कत नहीं हुई। 

जीत के लिए रिकॉर्ड लक्ष्य का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने फॉर्म में चल रहे सलामी बल्लेबाज टीग वीली का विकेट जल्दी गंवा दिए। रवि कुमार ने उन्हें पहली गेंद पर एलबीडब्ल्यू आउट किया। कैंपबेल केल्लावे (30) और कोरी मिलर (38) ने 68 रन की साझेदारी की लेकिन छह गेंद के भीतर अपने विकेट गंवा बैठे। ऑस्ट्रेलिया का स्कोर इस समय तीन विकेट पर 73 रन था। बाएं हाथ के स्पिनर ओस्तवाल ने अपना दूसरा विकेट लेते हुए 30वें ओवर में आस्ट्रेलिया का स्कोर छह विकेट पर 119 रन कर दिया। धुल ने न सिर्फ बल्लेबाजी में प्रभावित किया बल्कि बतौर कप्तान भी सूझबूझ का परिचय दिया। 

उन्होंने बाएं हाथ के स्पिनरों की बजाय अनियमित आफ स्पिनर अंगकृष रघुवंशी को गेंद सौंपी जिसने मिलर को आउट करके इस फैसले को सही साबित किया। इससे पहले भारत ने टॉस जीतकर कठिन पिच पर बल्लेबाजी का फैसला किया। शुरूआती पावरप्ले में आस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया। भारत के सलामी बल्लेबाजों रघुवंशी और हरनूर सिंह काफी संभलकर खेल रहे थे जिससे दबाव बनने लगा। विलियम साल्जमैन ने रघुवंशी को पवेलियन भेजा। 

हरनूर एक बार फिर नाकाम रहे और टोबिया स्नेल की उछाल लेती गेंद को खेलने के प्रयास में विकेट के पीछे कैच दे बैठे।इसके बाद रशीद और धुल ने कमान संभाली। टूर्नामेंट में अपना तीसरा ही मैच खेल रहे दोनों बल्लेबाजों ने काफी परिपक्वता दिखाई। रशीद ने अपनी पारी में आठ चौके और एक छक्का लगाया । वहीं धुल ने 10 चौके और एक छक्का जड़। उन्होंने 45वें ओवर में शतक पूरा किया और अगली गेंद पर टॉम विटनी को पारी का दूसरा छक्का लगाया। 

धुल के आउट होने के बाद रशीद शतक से चूक गए और निसबेट की गेंद पर बैकवर्ड प्वाइंट में कैच दे बैठे। ऑस्ट्रेलिया ने रशीद को 24 के स्कोर पर जीवनदान दिया और धुल को रन आउट करने का मौका उस समय गंवाया जब वह 74 रन पर खेल रहे थे। आखिरी दस ओवर में आस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने 108 रन दिए।