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मास्कोः फीफा विश्व कप का राउंड 16 पूरा हो जाने के बाद खिताब के लिए मुकाबला यूरोप और दक्षिण अमेरिका के बीच सिमट गया है। कई दिग्गज टीमों के पहले दौर और राउंड 16 में बाहर हो जाने के बाद क्वार्टरफाइनल अब यूरोप और दक्षिण अमेरिका की टीमों के बीच सिमट गया है। चौंकाने वाले परिणामों से गुजर रहे विश्व कप में अफ्रीका, एशिया और उत्तरी अमेरिका का सफाया हो गया है और कम से कम एक फाइनलिस्ट्स ऐसा होगा जो पिछले पांच दशक में फाइनल में नहीं पहुंचा होगा। 

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खिताब की दावेदार समझी जा रही टीमें हो चुकी हैं बाहर
खिताब के दावेदार समझे जा रहे जर्मनी, स्पेन, अर्जेंटीना और पुर्तगाल विश्व कप से बाहर हो चुके हैं। जर्मनी चार, अर्जेंटीना दो और स्पेन एक बार का विजेता रहा है। एक हाफ में इंग्लैंड और स्वीडन शनिवार को समारा में भिड़ेंगे। इंग्लैंड ने एक फाइनल खेला और 1966 में खिताब जीता है जबकि स्वीडन अपनी जमीन पर 1958 के फाइनल में ब्राजील से हार गया था। इंग्लैंड और स्वीडन मुकाबले के विजेता का सामना क्रोएशिया और मेजबान रूस के मुकाबले के विजेता से होगा। 

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रूस और क्रोएशिया ने हैरतअंगेज परिणाम दिए
मेजबान रूस का पिछला सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन सोवियत संघ के रूप में 1966 में एकमात्र बार सेमीफाइनल में पहुंचना रहा था जबकि क्रोएशिया 1998 में अंतिम चार में पहुंचा था। इन दोनों टीमों से बड़ी टीमों को ज्यादा चुनौती देने की उम्मीद नहीं थी लेकिन इन्होंने हैरतअंगेज परिणाम दिए हैं। ड्रा के दूसरी तरफ देखा जाए तो पांच बार के चैंपियन ब्राजील का मुकाबला बेल्जियम की गोल्डन जेनरेशन से होगा जबकि 1998 का चैंपियन फ्रांस दो बार के विजेता उरुग्वे से भिड़ेगा। उरुग्वे ने विश्व कप के शुरूआती वर्षों में खिताब जीते थे।  

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पिछले सात टूर्नामेंटों में चौथी बार हुआ ऐसा
इस तरह फुटबाल विश्व कप में दबदबा रखने वाले दो महाद्वीपों के बीच चली आ रही प्रतिद्वंद्विता एक बार फिर सामने होगी जिन्होंने पिछले सभी विश्व कप में खिताब जीते हैं। पिछले सात टूर्नामेंटों में यह चौथी बार है जब यूरोप या दक्षिण अमेरिका के बाहर से कोई टीम अंतिम आठ में नहीं है। इस साल यूरोप की छह और दक्षिण अमेरिका की दो टीमों के बीच मुकाबला है कि कौन से महाद्वीप की टीम खिताब ले उड़ेगी।