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स्पोर्ट्स डेस्क : आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप के दौरान मशहूर भारतीय खिलाड़ी युवराज सिंह (Yuvraj Singh) ने क्रिकेट से संन्यास (10 जून 2019) ले लिया था। इस बात को साढ़े तीन महीने से ज्यादा हो चुके हैं और अब युवराज ने अचानक क्रिकेट से संन्यास लेने का कारण बताया है। उन्होंने भारतीय टीम प्रबंधन पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें मेरा अंतरराष्ट्रीय करियर खत्म कराने की जल्दी थी। 

युवराज सिंह के संन्यास लेने का कारण 

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युवराज ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि खुद को साबित करने के लिए मेरे सामने लगातार नई चुनौतियां रखी जा रहीं थीं। उन्होंने अफसोस जताया कि किसी ने भी इस बारे में उनसे बात तक नहीं की। यहां तक की वर्ल्ड कप के दौरान टीम क्या योजनाएं बना रही थी इस बारे में भी उनसे कोई जानकारी साझा नहीं की गई। 

युवराज को बाहर करने के लिये टीम प्रबंधन ने ये किय 

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युवराज ने कहा, ‘2017 में चैंपियंस ट्रॉफी (ICC Champions Trophy ) के 8-9 मैचों में से 2 मुकाबलों में मुझे मैन ऑफ द मैच (Man of the Match) चुना गया। इसके बाद मुझे श्रीलंका सीरीज की तैयारी के लिए कहा गया और अचानक 36 साल की उम्र में यो-यो टेस्ट देना पड़ा जो मेरे चयन के लिए यू-टर्न था। हालांकि उन्हें ये टेस्ट पास होने का भरोसा नहीं था लेकिन परिणाम इसके उल्ट आए और वह यो-यो टेस्ट में पास हो गए। उन्होंने कहा अगर वह टेस्ट में फेल हो जाते तो टीम प्रबंधन को ना कहना उनके लिए आसानी होती। आप कह सकते हैं कि यह सब मुझे बाहर करने के लिए बहाना ढूंढ़ने की कवायद थी। इसके बाद मुझे घरेलू क्रिकेट खेलने के लिए कहा गया। 

युवराज सिंह का योगदान 

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युवराज ने आगे कहा, जिस खिलाड़ी ने टीम के लिए 17 साल दिए हों, उससे बात करनी चाहिए थी। लेकिन दुर्भाग्यवश भारत में वरिष्ठ खिलाड़ी से बात करने का रिवाज नहीं है। ‘वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) और जहीर खान (Zaheer Khan) के साथ भी किसी ने बात नहीं की थी, फिर मैंने तो इन सबसे बहुत कम क्रिकेट खेली है।’ गौर हो कि युवराज सिंह ने भारत को आईसीसी वर्ल्ड टी20 2007 (2007 ICC World Twenty20) और आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप 2011 (ICC Cricket World Cup 2011) जिताने में अहम योगदान दिया था। वहीं युवराज ने इंग्लैंड के खिलाफ बेंगुलरु में खेले गए आखिरी टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच के दौरान भी उनकी पारी की बदौलत भारत ने 75 रन से जीत दर्ज की थी।