रांची : ओपनर रोहित शर्मा (Rohit Sharma) को हमेशा से पता था कि टेस्ट सलामी बल्लेबाज के रूप में अपनी नई भूमिका में मिले मौकों का उन्हें सर्वश्रेष्ठ इस्तेमाल करना होगा और अगर वह ऐसा नहीं करते तो लंबे प्रारूप में उनकी संभावनाओं पर काफी असर पड़ सकता था। टेस्ट का दूसरा दिन खत्म होने के बाद प्रेस वार्ता में रोहित ने कहा कि वह अगले साल न्यूजीलैंड (New Zealand) दौरे के दौरान विदेशों में भी अपनी सफलता को दोहराना चाहते हैं। दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने मध्यक्रम बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) की भी तारीफ की जिन्होंने पहले दिन लंच के बाद आक्रामक बल्लेबाजी करते हुए भारत के ऊपर से दबाव कम किया।
रोहित ने सचिन-सहवाग का रिकॉर्ड किया बराबर
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सलामी बल्लेबाज के रूप में अपने पहले ही टेस्ट में रोहित ने 176 और 127 रन की पारियां खेली और अब तीसरे टेस्ट में दोहरा शतक जड़कर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) और वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) की बराबरी करते हुए दो प्रारूप में 200 रन बनाने वाले बल्लेबाज बने।
रोहित एक सीरीज में 500+ रन बनाने वाले 5वें भारतीय
रोहित ने 4 पारियों में 529 रन बनाए हैं और किसी टेस्ट श्रृंखला में 500 से अधिक रन बनाने वाले सिर्फ पांचवें भारतीय सलामी बल्लेबाज बने। उन्होंने कहा- पारी का आगाज करना मेरे लिए अच्छा मौका था। जैसा कि मैंने विशाखापत्तनम टेस्ट के दौरान कहा, पारी की शुरुआत करने को लेकर मेरे और टीम प्रबंधन के बीच लंबे समय से संवाद हो रहा था। इसलिए मानसिक रूप से मैं इसके लिए तैयार था। मुझे पता था कि ऐसा कभी भी हो सकता है।
रोहित के लिए यह संभवत: सबसे चुनौतीपूर्ण था
रोहित ने उस समय अजिंक्य रहाणे (115) के साथ चौथे विकेट के लिए 267 रन की रिकार्ड साझेदारी की जब भारत पहले दिन 39 रन पर 3 विकेट गंवाने के बाद संकट में था। मुंबई के इस बल्लेबाज ने कहा कि अगर इस पारी की बात करूं तो मैं कहूंगा कि यह सबसे चुनौतीपूर्ण पारी थी। मैं ज्यादा नहीं खेला। मैं सिर्फ 30 टेस्ट खेला हूं। मैंने अब तक जिसका सामना किया है उसे देखते हुए यह संभवत: सबसे चुनौतीपूर्ण था।
पारी का आगाज करना बिल्कुल अलग अनुभव
पारी का आगाज करने की चुनौती के संदर्भ में रोहित ने कहा कि पारी का आगाज करना छठे-सातवें नंबर पर बल्लेबाजी से अलग चुनौती है। यह इस पर निर्भर रकता है कि आपने कैसी तैयारी की है, आप मैदान पर उतरकर क्या करना चाहते हो, क्या हासिल करना चाहते हो। उन्होंने कहा कि मैच की पहली गेंद का सामना करना, 30-40 ओवर के बाद खेलने की तुलना में बिल्कुल अलग है।