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नई दिल्ली : ओलंपिक कांस्य पदक विजेता पहलवान साक्षी मलिक ने बुधवार को कहा कि सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त के ओलंपिक में प्रदर्शन ने उन्हें 2016 के रियो खेलों में पदक जीतने के लिए प्रेरित किया। साक्षी ने रियो ओलंपिक की कुश्ती प्रतियोगिता में महिलाओं के 58 किग्रा के रेपाशेज में कांस्य पदक के मुकाबले में किर्गीस्तान की ऐसुलु ताइनबेकोवा को 8-5 से हराकर पदक जीता था। एक समय वह 0-5 से पिछड़ रही थी लेकिन इसके बाद उन्होंने शानदार वापसी की।

साक्षी ने कहा कि उन्हें ओलंपिक खेलों के महत्व के बारे में ज्यादा पता नहीं था और दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार और लंदन ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता योगेश्वर दत्त की उपलब्धियों के बाद ही उन्हें इसके बारे में पता चला। उन्होंने कहा- मैं बचपन से ही यह खेल रही हूं लेकिन मैं ओलंपिक, राष्ट्रमंडल खेल और एशियाई खेलों के बारे में ज्यादा नहीं जानती थी। 

साक्षी ने ई-पाठशाला में कुश्ती के सत्र के दौरान कहा- कुश्ती में आने ओर जूनियर स्तर पर पदक जीतने के बाद इन प्रतियोगिताओं में मेरी दिलचस्पी जागी। बाद में सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त ने ओलंपिक सहित बड़ी प्रतियोगिताओं में पदक जीतने शुरू किए जिससे मुझे बहुत प्रेरणा मिली। 

ओलंपिक कांस्य पदक विजेता ने कहा कि जीत की भावनाओं को व्यक्त करना मुश्किल है। उन्होंने कहा- जब मैं कांस्य पदक मैच में पहुंची तो मैं इसे नहीं गंवाना चाहती थी। मेरे कोच (कुलदीप मलिक) कह रहे थे कि तुम अपनी प्रतिद्वंद्वी से बेहतर हो। यह कड़ा मैच था। मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकती कि जीत के बाद मुझे कैसा महसूस हो रहा था। मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि हंसना है, मुस्कराना है या रोना है। 

साक्षी ने कहा- मेरे कोच ने बताया कि इस पदक के बाद मेरी जिंदगी बदल जाएगी लेकिन इसकी अनमोल यादें हमेशा मेरे साथ रहेंगी।