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नई दिल्लीः होशियारपुर जिला के कस्बा माहिलपुर में चलाई जा रही फुटबाल अकादमी ने भारत को कई युवा खिलाड़ी दिए। पंजाब सरकार की ओर से चलाई जा रही इस अकादमी से राज्य तथा राष्ट्रीय स्तर सहित लगभग 200 खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल चुके हैं।

अकादमी के बारे में जब डीसी विपुल उज्ज्वल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यह बहुत गर्व की बात है कि जिले की फुटबाल अकादमी की ओर से देश के लिए होनहार खिलाड़ी तैयार किए जा रहे हैं। जिले के खेल विभाग की ओर से फुटबाल कोच हरजीत ¨सह की अगुआई में अकादमी में कोचिंग दी जा रही है। अकादमी में पूरे राज्य के अंडर-14, अंडर-17 तथा अंडर-19 के खिलाड़ियों को सिखलाई दी जा रही है। 

हर साल 60 खिलाड़ियों को दी जाती है मुफ्त ट्रेनिंग
पूरे राज्य से हर साल 60 होनहार खिलाड़ियों को चुनकर मुफ्त ट्रेनिंग दी जा रही है। इस दौरान मुफ्त हॉस्टल, मेडिकल, खेल किट सहित अन्य सहूलियतों सहित सरकार की ओर से खिलाड़ियों की खुराक पर करीब 43 लाख रुपए खर्च किए जा रहे हैं। डीसी ने बताया कि हर खिलाड़ी को प्रतिदिन 200 रुपये की पौष्टिक खुराक मुहैया करवाई जा रही है। उन्होंने नौजवानों से अपील की है कि राज्य के नौजवानों को बढि़या फुटबालर बनने के लिए सरकार की ओर से चलाई जा रही इस एकेडमी का अधिक से अधिक लाभ लेना चाहिए।
माहिलपुर फुटबाल अकादमी तैयार कर रही चोटी के खिलाड़ी
फुटबाल कोच हरजीत सिंह ने बताया कि उच्च दर्जे की एकेडमी होने से खिलाडिय़ों को आरंभिक तौर पर स्टेट लैवल मुकाबलों में ही खिलाया जाता है जब कि अंडर 17 की टीम को चंडीगढ़ में गर्वनर कैंप भी खिलाया जाता है, जिस में एकेडमी में बहुत बढिय़ा प्राप्तियां है। उन्होंने बताया कि एकेडमी के खिलाड़ी आल इंडिया क्लबों में खेल रहे है तथा कई खिलाडिय़ों ने खेल कोटे में से सरकारी नौकरियां भी हासिल की है। उन्होंने बताया कि राज्य, राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर तक खिलाड़ी पहुंच रहे है जो देश, पंजाब राज्य तथा जिला होशियारपुर के लिए बहुत मान वाली बात है।

अकादमी में सिखलाई प्राप्त करके चोटी के खिलाड़ी बनने वालों में अम¨रदर ¨सह, हरमनजोत ¨सह खाबड़ा, बलवंत ¨सह, कर्णजीत ¨सह परमार, बलजीत साहनी, मुनीश कुमार भार्गव, सुखदेव ¨सह, गगनदीप बाली, अमनप्रीत, अनवर अली, ऋृषि राजपूत तथा सौरभ कुमार आदि शामिल हैं। कोच हरजीत ¨सह ने बताया कि वह अब तक 120 खिलाड़ियों को ट्रेनिंग दे चुके हैं, जबकि अब तीसरा बैच चल रहा है। उन्होंने बताया कि हर साल जो 60 बच्चों को ट्रेनिंग दी जाती है, वे अलग-अलग मुकाबलों में स्टेट का ही प्रतिनिधित्व करते हैं।