Sports

मॉस्कोः मेजबान रूस के क्रोएशिया के खिलाफ पेनल्टी शूटआउट में फुटबॉल विश्व कप का क्वार्टर फाइनल मैच हारने के साथ सड़कों पर ‘‘रोस-सि-या’’ के जोशीले नारे थम गए और स्टेडियम में आंसुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। मैच हारने के साथ टूर्नामेंट में उम्मीदों से कहीं ज्यादा बेहतर प्रदर्शन करते हुए अंतिम आठ में पहुंचे रूस के सफर का भावुक अंत हुआ। 

PunjabKesari

इसके साथ 1966 के बाद से पहली बार सेमीफाइनल में पहुंचने की उसकी उम्मीदें धराशायी हो गयीं। नियमित और अतिरिक्त समय में मुकाबला 2-2 से बराबर रहने के बाद पेनल्टी शूटआउट खेला गया जिसके बाद मेजबान टीम 3-4 से हार गयी। रूस की टीम ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘हमारे आंखों में आंसू लेकिन गर्व के साथ सिर उठाकर टूर्नामेंट से बाहर हो रहे हैं।’’           

PunjabKesari

रूस के पास गौरवान्वित महसूस होने का पूरा कारण है। विश्व कप शुरू होने के साथ मीडिया को लग रहा था कि टूर्नामेंट में सबसे निचली रैंकिंग वाली टीम किस्मत से ही कोई मैच जीतेगी। लेकिन रूस ने सबको गलत साबित किया। रूस पिछले 48 वर्षों में पहली बार क्वार्टर फाइनल में पहुंचा। उसने ग्रुप चरण के अपने पहले मैच में सऊदी अरब को 5-0 से और दूसरे मैच में मिस्र को 3-1 से हराया। हालांकि वह अपना तीसरा मैच उरूग्वे से 0-3 से हार गया लेकिन अगले दौर में पहुंचने में सफर रहा। प्री क्वार्टर फाइनल में रूस ने 1-1 से मुकाबला बराबरी पर छूटने के बाद स्पेन को पेनल्टी शूटआउट में 4-3 से हराकर पूरी दुनिया को चौंका दिया।

PunjabKesari

कल के मैच में भी रूस ने अपनी तरफ से सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश की लेकिन इस बार किस्मत उसके साथ नहीं थी और वह भले ही मैच हार गया लेकिन देश और दुनिया के करोड़ों फुटबॉल प्रेमियों का दिल जीतने में सफल रहा। रूस के खेल को सलाम करते हुए लोकप्रिय स्थानीय अखबार ‘स्पोर्ट एक्सप्रेस’ ने अपनी खबर के शीर्षक में लिखा, ‘‘हमारे दिलों की विजेता।’’ अखबार ने इसके बाद उसकी तारीफ करते हुए लिखा, ‘‘रूस को पता है फुटबॉल कैसे खेलते हैं।’’