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न्यूयार्कः अंतरराष्ट्रीय टेनिस महासंघ(आईटीएफ) ने यूएस ओपन महिला एकल फाइनल में पूर्व नंबर एक सेरेना विलियम्स के साथ हुये विवाद में चेयर अंपायर कार्लाेस रामोस का बचाव करते हुये उनके टूर्नामेंट में लिए गए सभी फैसलों को सही बताया है। अमेरिकी टेनिस खिलाड़ी ने यूएस ओपन फाइनल में चेयर अंपायर पर उनके अंक चुराने का आरोप लगाते हुये मैच के दौरान उनसे बहस की थी और उन्हें ‘चोर’ बुलाया पुकारा था। जापान की नाओमी ओसाका के खिलाफ मैच में सेरेना पर रामोस ने तीन बार पेनल्टी लगायी और अंतत: अमेरिकी खिलाड़ी हारकर मैच और खिताब गंवा बैठी थी।  

सेरेना पर लगा था 7 हजार डॉलर का जुर्माना
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यूएस ओपन इतिहास के सबसे विवादास्पद फाइनल के रूप में याद किये जा रहे सेरेना-ओसाका के इस मैच में हारने से सेरेना अपने रिकार्ड 24वें ग्रैंड स्लेम से वंचित रह गयीं। उनपर रामोस ने अपने कोच से कोचिंग लेने और कोर्ट पर रैकेट पटककर तोडऩे तथा बहस करने के लिये तीन बार पेनल्टी और जुर्माना लगाया था।  छह बार की यूएस ओपन चैंपियन पर अमेरिकी स्टेट टेनिस संघ ने मैच के दौरान गुस्सा दिखाने के लिये 17 हजार डॉलर का जुर्माना लगाया था। इस पूरे मामले पर हालांकि टेनिस जगत बंटा हुआ दिखाई दिया जहां कुछ ने सेरेना का तो कुछ ने चेयर अंपायर का बचाव किया है।   

अंतरराष्ट्रीय टेनिस संस्था ने जारी बयान में रामोस का बचाव करते हुये कहा,  ''कार्लाेस रामोस टेनिस के सबसे अनुभवी और सम्मानित अंपायरों में हैं। रामोस का निर्णय नियमों के अनुरूप था और सेरेना विलियम्स पर तीन गलतियों के लिये जुर्माना लगाने के निर्णय का यूएस ओपन भी समर्थन करता है।'' आईटीएफ ने कहा, ''हम समझते हैं कि इस हाईप्रोफाइल घटना के बाद बहस शुरू हो गई है। लेकिन यह बात याद रखनी चाहिये कि रामोस उस समय बतौर अधिकारी अपनी जिम्मेदारियां निभा रहे थे और उनके निर्णय पूरी तरह नियमों के दायरे में थे। उन्होंने पूरे पेशेवर ढंग और ईमानदारी से अपना काम किया है।''