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क्राइस्टचर्च : न्यूजीलैंड के पूर्व महान तेज गेंदबाज सर रिचर्ड हैडली टी20 क्रिकेट के प्रशंसक नहीं है और उनका मानना है कि अगर टेस्ट क्रिकेट का ध्यान नहीं रखा गया तो क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप का बचे रहना मुश्किल होगा। हैडली ने कहा कि क्रिकेट के आधार को ‘बचाए' रखना चाहिए और अगर संतुलन बनाया गया तो तीनों प्रारूप एक साथ बने रह सकते हैं।

उन्होंने कहा, ‘टेस्ट क्रिकेट को संरक्षित करना होगा। यह वह नींव है जिस पर खेल आधारित है। इसलिए हमें पांच दिवसीय मैच पर ध्यान देना होगा।' उन्होंने कहा, ‘जाहिर है टी20 क्रिकेट के आने से इस खेल में क्रांति आई है, तीनों प्रारुप एक साथ बने रह सकते है। तीनों जारी रह सकते है लेकिन मुझे टी20 क्रिकेट देखना पसंद नहीं जो इन दिनों क्रिकेट की दुनिया में राज कर रहा है।'' उन्होंने कहा कि अगर पारंपरिक प्रारूप पर ध्यान नहीं दिया गया तो टी20 क्रिकेट का बचे रहना मुश्किल है।

उन्होंने कहा, ‘शायद दुनिया भर में काफी टी20 क्रिकेट खेला जा रहा। लेकिन मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि यह खेल टी20 क्रिकेट के सहारे ही जीवित नहीं रह पाएगा क्योंकि टी20 प्रारूप वास्तविक क्रिकेट नहीं है। टेस्ट क्रिकेट ही असली क्रिकेट है।' हैडली ने कहा कि टी20 ने कुछ कौशलपूर्ण क्रिकेटर हुए है लेकिन शायद वह बेहतरीन क्रिकेट नहीं है। उन्होंने कहा, ‘मैं यह नहीं कह रहा हूं कि वे बेहतर क्रिकेटर है लेकिन उनके पास ज्यादा कौशल है। क्योंकि वे विभिन्न प्रारूप में खेलते है इसलिए उन्हें उसी मुताबिक ढलना होता है।' अपने समय में सबसे ज्यादा टेस्ट विकेट लेने वाले 69 साल के इस पूर्व गेंदबाज ने कहा, ‘टी20 युग के गेंदबाजों के पास कम से कम पांच विविधता हैं।'