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स्पोर्ट्स डेस्क : ओलंपिक विजेता सुशील कुमार पर पहलवान की हत्या का आरोप है और उन्हें पकड़ने के लिए छापेमारी जारी है। इसी बीच सुशील से जुड़ा एक बड़ा खुलासा हुआ है। जानकारी के मुताबिक छत्रसाल स्टेडियम का सारा कंट्रोल सुशील के हाथों में है और उनकी बात ना मानने वालों को प्रताड़ित करना शुरू कर देता है। 

भारत को सुशील, योगेश्वर, बजरंग और अब तोक्यो के लिए क्वालीफाई कर चुके रवि दहिया और दीपक पूनिया जैसे पहलवान देने वाले छत्रसाल स्टेडियम के सूत्र ने बताया कि योगेश्वर और बजरंग जैसे जाने माने पहलवान यहां से जा चुके हैं क्योंकि बात नहीं मानने के लिए सुशील के समूह ने उन्हें निशाना बनाया। सुशील के कोच और ससुर एशियाई खेल 1982 के चैंपियन सतपाल सिंह 2016 तक स्टेडियम के प्रभारी थे लेकिन इसके बाद वह अतिरिक्त निदेशक के पदक से सेवानिवृत्त हो गए। 

सूत्र ने एक न्यूज एजेंसी से बातचीत के दौरान कहा, सुशील को इसके बाद ओएसडी नियुक्त किया गया था और माना जा रहा था कि यह स्टेडियम को परिवार की गिरफ्त में रखने के लिए किया गया। सूत्र ने कहा, ‘रेलवे से प्रतिनियुक्ति पर यहां काम कर रहे सुशील सारे फैसले करते हैं। अगर आप उसकी बात नहीं सुनते या उसके सुझाव के अनुसार काम नहीं करते तो वह धीरे-धीरे आपको प्रताड़ित करना शुरू कर देता है।' उन्होंने कहा, ‘लोग कुछ भी कहने से डरते हैं। वे करियर बनाने आते हैं, राजनीति में शामिल होने नहीं। इसलिए स्टेडियम की राजनीति में शामिल होने से आसान उन्हें इसे छोड़कर जाना लगता है।' 

गौर हो कि कुछ दिनों पहले दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में पहलवानों के दो गुटों के बीच हुए विवाद ने खूनी झड़प का रूप ले लिया था जिसमें 5 पहलवान घायल भी हुए थे। इसी दौरान एक पहलवान ने अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया था जिसे लेकर कुछ लोगों पर हत्या का मामला दर्ज किया गया और एफआईआर में सुशील कुमार का भी नाम है। लेकिन वह इस घटना के बाद से ही फरार हैं।