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ब्रिस्बेन : भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर का कहना है कि भारतीय टीम का इस ऑस्ट्रेलियाई दौरे में किया गया संघर्ष वर्षों तक याद किया जाएगा। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चार टेस्ट मैचों की सीरीज का आखिरी मैच ब्रिस्बेन खेला जा रहा है और टीम इंडिया को जीत के लिए पांचवें दिन 324 रन बनाने हैं। यह सीरीज फिलहाल 1-1 से बराबरी पर है।

भारतीय टीम के खिलाड़ियों पर इस सीरीज में नस्लीय टिप्पणी की गयी और उसके कई खिलाड़ी चोटिल हुए लेकिन टीम इंडिया ने अपने प्रदर्शन से ऑस्ट्रेलिया टीम को हर मोर्चे में करारा जवाब दिया है जबकि टीम एडिलेड में पहले टेस्ट में दूसरी पारी में अपने टेस्ट इतिहास के न्यूनतम स्कोर 36 रन पर लुढ़क गयी थी। टीम ने मेलबोर्न में दूसरा टेस्ट जीता और सिडनी में तीसरे टेस्ट को ड्रा कराया। गावस्कर ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि गाबा में क्या होगा। हम भारतीयों को अपने क्रिकेटरों पर गर्व है। मैंने ऑस्ट्रेलिया दौरे में टीम का प्रतिनिधित्व किया है और मुझे पता है कि यह कितना चुनौतीपूर्ण होता है। लेकिन इस सीरीज में हमने जो देखा वो काफी अलग अनुभव था।

उन्होंने कहा कि भारतीय टीम का संकल्प और लड़ने का साहस प्रेरणा देने वाला है। टीम के कई खिलाड़ी अपने घर से बाहर थे और पिछले करीब पांच महीनों से क्वारेंटीन में रहे। उन्होंने काफी शानदार प्रदर्शन किया। इन खिलाड़यिों को काफी संघर्ष करना पड़ा। इसके बावजूद टीम ने लड़ने का जज्बा नहीं छोड़ा और वह अभी भी ट्राफी अपने पास रखने के लिए पूरी कोशिश कर रही है। भारत यदि यह मैच जीतता है या ड्रॉ करा देता है तो वह बॉडर्र-गावस्कर ट्रॉफी अपने पास बरकरार रखेगा क्योंकि भारत ने 2018-19 के पिछले दौरे में सीरीज 2-1 से जीती थी।