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नई दिल्ली : भारतीय तेज गेंदबाज एस श्रीसंत पर कथित तौर पर स्पॉट फिक्सिंग के लिए लगा सात साल का प्रतिबंध रविवार को खत्म हो गया। इस तेज गेंदबाज को शुरुआत में आजीवन प्रतिबंधित किया गया था लेकिन उन्होंने इस फैसले के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ी। 

इस 37 वर्षीय खिलाड़ी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि प्रतिबंध खत्म होने पर उनका कम से कम घरेलू करियर को दोबारा शुरू करने का इरादा है और उनके घरेलू राज्य केरल ने वादा किया है कि अगर यह तेज गेंदबाज अपनी फिटनेस साबित कर दे तो वे उसके नाम पर विचार करेंगे। 

श्रीसंत ने प्रतिबंध समाप्त होने से कुछ दिन पहले शुक्रवार को ट्वीट किया, ‘मैं अब किसी भी तरह के आरोपों से पूरी तरह मुक्त हूं और अब उस खेल का प्रतिनिधित्व करूंगा जो मुझे सबसे अधिक पसंद है। मैं प्रत्येक गेंद पर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करूंगा फिर चाहे यह अभ्यास ही क्यों ना हो।' उन्होंने कहा, ‘मेरे पास अधिकतम पांच से सात साल का समय बचा है और मैं जिस भी टीम की ओर से खेलूंगा उसके लिए सर्वश्रेष्ठ प्रयास करूंगा।' 

कोरोना वायरस महामारी के कारण भारतीय घरेलू सत्र स्थगित होने के कारण यह देखना होगा कि अगर केरल उन्हें मौका देने का फैसला करता है तो वह कब वापसी कर पाएंगे। भारत का घरेलू सत्र अगस्त में शुरू होता है लेकिन महामारी के कारण पूरा कार्यक्रम अस्त व्यस्त हो गया है। आईपीएल के 2013 सत्र में कथित स्पॉट फिक्सिंग के लिए श्रीसंत पर आजीवन प्रतिबंध लगा था लेकिन पिछले साल भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के लोकपाल ने उन पर लगे प्रतिबंध को घटाकर सात साल का कर दिया था।