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बर्मिंघम : कोरोना वायरस प्रकोप के बीच भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी बुधवार से यहां शुरू हो रही आल इंग्लैंड बैडमिंटन चैम्पियनशिप में पी वी सिंधू की अगुवाई में उम्दा प्रदर्शन के इरादे से उतरेंगे । सत्र के पहले सुपर 1000 टूर्नामेंट से पहले दुनिया भर में कोरोना वायरस संक्रमण का असर है। इंग्लैंड में ही 300 से अधिक लोग संक्रमित पाये गए हैं और पांच मौतें हो चुकी है। इसके चलते जर्मन ओपन टूर्नामेंट भी रद्द हो चुका है।

कोरोना वायरस प्रकोप के कारण ही भारत के एच एस प्रणय और दुनिया की दसवें नंबर की युगल टीम चिराग शेट्टी और सात्विक रांकिरेड्डी टूर्नामेंट से नाम वापिस ले चुके हैं। टूर्नामेंट से चूंकि विजेता को 12000 रैंकिंग अंक मिलेंगे और ओलंपिक क्वालीफिकेशन पर भी सभी की नजरें हैं तो सभी शीर्ष खिलाड़ी इसमें भाग ले रहे हैं। सिंधू का ओलंपिक में खेलना लगभग तय है लेकिन उसकी नजरें आल इंग्लैंड खिताब पर लगी है। पिछले साल विश्व चैम्पियनशिप स्वर्ण जीतने वाली सिंधू आल इंग्लैंड नहीं जीत पाई है।

पूर्व रजत पदक विजेता साइना नेहवाल और किदाम्बी श्रीकांत भी रैंकिंग में शीर्ष 16 में जगह बनाने की कोशिश करेंगे। ओलंपिक क्वालीफिकेशन की समय सीमा 28 अप्रैल है। भारत के लिए आखिरी बार आल इंग्लैंड खिताब मौजूदा मुख्य कोच पुलेला गोपीचंद ने 2001 में जीता था। सिंधू 2018 में सेमीफाइनल में अमेरिका की बेइवेन झांग से हार गई थी। साइना 2015 में फाइनल में पहुंची थी। उन्हें रैंकिंग अंक की सख्त जरूरत है। पहले ही दौर में उनके सामने जापान की अकाने यामागुची जैसी कठिन चुनौती है। श्रीकांत को ड्रा में आगे जाने के लिये ओलंपिक चैम्पियन चेन लोंग की चुनौती का सामना करना होगा। वहीं पारूपल्ली कश्यप पहले दौर में इंडोनेशिया के शेसार हिरेन आर से खेलेंगे। लक्ष्य सेन का सामना हांगकांग के ली चियुक यू से होगा।