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मुंबई : क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) के प्रमुख कपिल देव ने कहा कि टीम के सहयोगी सदस्यों के चयन में भी इस समिति की भूमिका होनी चाहिए क्योंकि ‘ऐसा नहीं होना उनके काम के साथ सही नहीं होगा'। कपिल की अगुवाई वाली इस तीन सदस्यीय समिति ने शुक्रवार को रवि शास्त्री का दो और साल के लिए भारतीय टीम के मुख्य कोच के रूप में चयन किया।

सर्वोच्च न्यायालय की गठित प्रशासकों की समिति ने टीम के मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद की अगुवाई वाली चयन समिति को सहयोगी सदस्यों को चुनने का काम दिया है। तीन सदस्यीय सीएसी में कपिल के अलावा पूर्व भारतीय कोच अंशुमन गायकवाड़ और पूर्व महिला कप्तान शांता रंगास्वामी भी शामिल थे। कपिल से जब पूछा गया कि क्या सहयोगी सदस्यों के चयन में सीएसी की राय ली जानी चाहिए तो उन्होंने इसका सकारात्मक जवाब दिया। उन्होंने कहा, ‘हां वहां भी हमारी राय ली जानी चाहिए। अगर आप मुझ से पूछेंगे तो हमने सहयोगी सदस्यों के चयन प्रकिया के बारे में बोर्ड को प्रस्ताव भेजा है। अगर हम वह काम नहीं करेंगे तो यह सही नहीं होगा।'

विश्व कप विजेता कप्तान ने कहा, ‘हमने उन्हें (सीओए) कहा है कि हम उस नियुक्ति का भी हिस्सा होना चाहते हैं। मुझे लगता है कि उससे संबंधित पत्र आपको बोर्ड से जारी किया जाएगा।' सहयोगी सदस्यों के लिए साक्षात्कार 19 अगस्त को होंगे। विश्व कप के बाद कोच शास्त्री के साथ संजय बांगड़ (बल्लेबाजी कोच), भरत अरुण (गेंदबाजी कोच), आर श्रीधर (क्षेत्ररक्षण कोच) और प्रशासनिक प्रबंधक सुनील सुब्रमण्यम को वेस्टइंडीज दौरे के लिए 45 दिनों का अनुबंध विस्तार दिया गया था। ये सभी इस चयन प्रक्रिया स्वत: शामिल होंगे। कपिल ने कहा, ‘सहयोगी सदस्यों के चयन में कोई संवादहीनता नहीं होनी चाहिए। इस टीम के लिए उनकी (चयन समिति) शक्ति हमारी शक्ति है और हम यह सुनिश्चित करना चाहते है कि टीम को इसका फायदा हो।' 

पूर्व चयनकर्ता विक्रम राठौर और प्रवीण आमरे के साथ-साथ इंग्लैंड के जोनाथन ट्राट और मार्क रामप्रकाश ने बल्लेबाजी कोच के लिए आवेदन किया है। गेंदबाजी कोच के लिए वेंकटेश प्रसाद, डेरेन गॉ और सुनील जोशी ने आवेदन किया है लेकिन इसकी प्रबल संभावना है कि भरत अरुण फिर से गेंदबाजी कोच बने। क्षेत्ररक्षण कोच आर श्रीधर खेल को सबसे अच्छे क्षेत्ररक्षकों में से एक दक्षिण अफ्रीका के जोंटी रोड्स से कड़ी टक्कर मिलेगी। बल्लेबाजी, गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण कोच के मापदंड के अनुसार, तीनों को कम से कम 10 टेस्ट या 25 एकदिवसीय मैच का अनुभव होना चाहिए और उनकी आयु 60 वर्ष से कम होनी चाहिए।