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नई दिल्लीः गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में टीम से बाहर रहे अनुभवी मुक्केबाज शिवा थापा ने अगस्त में जकार्ता में होने वाले एशियाई खेलों के लिए शुक्रवार को घोषित भारतीय टीम में वापसी कर ली है। चयन समिति की माथापच्ची भरी बैठक और तीन तीन चयन ट्रायल के बाद भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) ने एशियाई खेलों के लिए10 मुक्केबाजों के नामों का ऐलान कर दिया है जिसमें तीन महिला मुक्केबाज शामिल हैं।

राष्ट्रमंडल खेलों में टीम से बाहर रहे अनुभवी मुक्केबाज थापा ने एशियाई खेलों के लिए टीम में वापसी की है। विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक विजेता थापा टीम को मजबूती प्रदान करेंगे। शुक्रवार को इंदिरा गांधी स्टेडियम में आयोजित ट्रायल्स में राष्ट्रमंडल खेलों के रजत पदक विजेता मनीष कौशिक दो बार ओलंपिक खेलने वाले थापा से मात खा गए और अपनी जगह गंवा बैठे। कौशिक ने इससे पहले दो बार थापा को मात दी थी, लेकिन इस मुकाबले में असम के मुक्केबाज ने अपने अनुभव का अच्छा इस्तेमाल किया और कौशिक को हराया।

पुरुष टीम का दारोमदार 75 किलोग्राम भारवर्ग में विकास कृष्णन पर होगा। विकास ने 2010 और 2014 के एशियाई खेलों में क्रमश: स्वर्ण और कांस्य पदक अपने नाम किया था। उनके अलावा 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण और 2018 के राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक जीतने वाले मनोज कुमार 69 किग्रा भारवर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।

राष्ट्रीय रैंकिंग में पहले स्थान पर काबिज और हाल ही में केमेस्ट्री कप में स्वर्ण पदक जीतने वाले गौरव सोलंकी 52 किलोग्राम भारवर्ग में एशियाई खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। गौरव ने इसी साल हुए राष्ट्रमंडल खेलों में भी स्वर्ण पदक जीता था। उनकी कोशिश अपने इसी प्रदर्शन को एशियाई खेलों में जारी रखने की होगी। राष्ट्रमंडल खेलों में 56 किलोग्राम भारवर्ग में कांस्य पदक जीतने वाले मोहम्मद हुसामुद्दीन और रजत पदक जीतने वाले अमित को 49 किलोग्राम भारवर्ग में जगह दी गई है।

पुरुषों का दूसरा ट्रायल 64 किलोग्राम भारवर्ग में था। इस मुकाबले में रोहित टोकस और धीरज का सामना होना था। दोनों के बीच अच्छी टक्कर हुई। सेना के मुक्केबाज धीरज ने तीसरे राउंड में बेहतरीन खेल दिखाते हुए मैच अपने नाम कर टीम में जगह बनाई। वहीं महिला श्रेणी में भारत तीन भारवर्ग में हिस्सा लेगा जिनमें 2016 की विश्व चैंपियनशिप की रजत पदक विजेता सोनिया लाठेर ने 57 किलोग्राम भारवर्ग में अपना स्थान पक्का किया। वहीं उमाखानोव मेमोरियल टूर्नामेंट में कांस्य पदक जीतने वाली पवित्रा 60 किलोग्राम भारवर्ग में भारत के लिए रिंग में उतरेंगी।

51 किलोग्राम भारवर्ग में सरजू बाला देवी ने पिंकी जांगड़ा को मात देकर जकार्ता का टिकट कटाया। दोनों खिलाडिय़ों ने पिछले दो महीनों में बराबर अंक और जीत हासिल की थीं इसलिए ट्रायल्स का आयोजन किया गया। सरजू ने मैच में अपनी पकड़ को शुरू से ही बनाए रखी और आसानी से जीत दर्ज की।   बीएफआई के अध्यक्ष अजय सिंह ने कहा, Þबीएफआई की चयन समिति ने हर पहलू को बारीकी से देखने के बाद टीम का चयन किया है जो पारदर्शी है और सभी मुक्केबाजों को अपना हुनर दिखाने का मौका दिया गया।

खिलाडिय़ों का चयन उनके प्रदर्शन को करीब से देखते हुए और चयन के पैमाने को अपनाते हुए किया गया है। मैं इस बात को भरोसे के साथ कह सकता हूं कि इस टीम में युवा और अनुभव का अच्छा मिश्रण है। मैं सभी को शुभकामनाएं देता हूं।Þ  चयन प्रक्रिया को पारदर्शी रखने के लिए बीएफआई ने सभी खिलाडिय़ों के जनवरी 2018 से अब तक के प्रदर्शन को ध्यान में रखा जिसमें राष्ट्रमंडल खेलों के प्रदर्शन को तरजीह दी गई साथ ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किए गए प्रदर्शन को भी ध्यान में रखा गया।

भारतीय मुक्केबाजी टीम इस साल होने वाले एशियाई खेलों में 2014 के अपने प्रदर्शन से बेहतर करना चाहेगी जहां टीम ने पांच पदक अपने नाम किए थे। एशियाई खेलों का 18वां संस्करण 18 अगस्त से शुरू होगा जिसमें मुक्केबाजी की स्पर्धाएं 24 अगस्त से शुरू होंगी और एक सितंबर तक चलेंगी।