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ढाका : बंगलादेश के पूर्व कप्तान मोहम्मद अशरफुल ने गुरुवार को कहा कि भ्रष्ट संपर्क की शिकायत करने में नाकाम रहने के कारण शाकिब अल हसन पर लगा प्रतिबंध पूरी व्यवस्था के लिए स्तब्ध करने वाला है। उन्होंने साथ ही सुझाव दिया कि इस शीर्ष आलराउंडर को उससे जुड़ी खबरों से बचाया जाना चाहिए जिससे उसकी वापसी में मदद हो सके। बंगलादेश प्रीमियर लीग में भ्रष्टाचार के मामले में सजा पाने वाले अशरफुल ने शाकिब का समर्थन करते हुए कहा कि बंगलादेश के सबसे दिग्गज क्रिकेटरों में शामिल इस आलराउंडर के लिए अगले 12 महीने मुश्किल होने वाले हैं। 

शाकिब को 2 साल के लिए प्रतिबंधित किया गया है जिसमें से एक साल की सजा निलंबित है। पांच साल के प्रतिबंध के बाद प्रथम श्रेणी क्रिकेट में वापसी करने वाले अशरफुल ने कहा, ‘हमारे मामले अलग हैं। उसने अधिकारियों को फिक्सिंग को लेकर संपर्क किए जाने की जानकारी नहीं दी जबकि मैं मैच फिक्सिंग से पूरी तरह जुड़ा था। लेकिन यह व्यवस्था के लिए स्तब्ध करने वाला है।' उन्होंने कहा, ‘हमें क्रिकेट खेलना पसंद है। शाकिब जिस जीत से गुजर रहा है उसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है। मुझे लगता है कि उसको लेकर अधिक खबरें नहीं होनी चाहिए। इतनी सारी खबरों से निपटना मुश्किल था (मेरे लिए)।' 

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5 साल के प्रतिबंध का सामना करना बेहद मुश्किल था 

एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शीर्ष रैंकिंग वाले आलराउंडर 32 साल के शाकिब को कथित भारतीय सट्टेबाज दीपक अग्रवाल द्वारा तीन मौकों पर संपर्क किए जाने की जानकारी नहीं देने का दोषी पाया गया है। इसमें से एक बार संपर्क आईपीएल के दौरान अप्रैल 2018 में किया गया था। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने शाकिब के प्रति सहानुभूति जताते हुए कहा कि देश का क्रिकेट बोर्ड मुश्किल समय में अपने टेस्ट और टी20 कप्तान के साथ खड़ा है। बांग्लादेश प्रीमियर लीग 2014 में मैच फिक्सिंग के लिए पांच साल के प्रतिबंध (दो साल का निलंबित प्रतिबंध भी शामिल) का सामना करने वाले अशरफुल ने बताया कि उनके लिए इस सजा से निपटना कितना मुश्किल हो गया था।

मुझे शाकिब जितना समर्थन नहीं मिला 

अशरफुल ने कहा, ‘मैंने पहले 6 महीने में सोते हुए अधिक समय बिताया। मैं पूरी रात टीवी देखता था और फिर दोपहर लगभग 2 बजे उठता था। इसके बाद मैं हज पर गया, जिसने मुझे नया नजरिया दिया।' उन्होंने कहा, ‘मैं हमेशा सोचता था कि क्या मैं दोबारा खेल पाऊंगा, मुख्य रूप से अपनी उम्र के कारण (अशरफुल को जब प्रतिबंधित किया गया तब वह 30 साल के थे)। क्रिकेट बोर्ड शाकिब की मदद कर रहा है। मुझे समर्थन मिला लेकिन उतना नहीं जितना शाकिब को मिल रहा है। साथ ही हमें याद रखना चाहिए कि कई बार चोटिल होने वाले मशरेफ मुर्तजा और शाकिब जैसे खिलाड़ियों ने हमेशा असाधारण वापसी की है।' 

शाकिब को ट्रेनिंग की स्वीकृति मिली लेकिन मुझे नहीं थी

अशरफुल ने कहा कि वह अपने निलंबन के दौरान प्रशंसकों से मिले समर्थन से हैरान थे। उनका प्रतिबंध पिछले साल खत्म हुआ। अशरफुल ने कहा कि उनके लिए फिट रहना सबसे बड़ी चुनौती थी लेकिन शाकिब को इस तरह की चीजों का सामना नहीं करना होगा। उन्होंने कहा कि वह बांग्लादेश में मान्यता प्राप्त क्रिकेट नहीं खेल पाए और ना ही ट्रेनिंग कर पाए और उन्हें गैर मान्यता प्राप्त टूर्नामेंटों में खेलना पड़ा। उन्होंने कहा, ‘इन तीन साल में मुझे कहीं भी खेलने और ट्रेनिंग करने की स्वीकृति नहीं थी। मैं ढाका में वकीलों के साथ खेलता था। मैं अमेरिका में टूर्नामेंटों में खेलता था। मैं देश भर में अलग अलग स्थानों पर खेला।' अशरफुल ने कहा, ‘मैं नए लोगों से मिला, नया अनुभव हासिल किया। शाकिब को ऐसी किसी चीज का सामना नहीं करना होगा। उसे मीरपुर में ट्रेनिंग की स्वीकृति मिली है। उसे मेरी तरह किसी समस्या का सामना नहीं करना होगा।'