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स्पोर्ट्स डेस्क : पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर शाहिद अफरीदी ने अपने पूर्व साथी दानिश कनेरिया द्वारा लगाए गंभीर आरोपों  पर पलटवार किया है। कनेरिया ने अफरीदी पर अपने खेल के दिनों में उनके साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया था, उन्हें झूठा और चरित्रहीन व्यक्ति करार दिया था जो कनेरिया को राष्ट्रीय टीम में नहीं चाहते थे। उन्होंने आगे आरोप लगाया कि अफरीदी ने उनकी आस्था और धार्मिक विश्वासों के लिए उन्हें निशाना बनाया और उन्हें इस्लाम में धर्मांतरित करने के लिए मजबूर किया। इसी के साथ ही कनेरिया ने ये भी आरोप लगाया कि फिक्सिंग को लेकर उन पर बैन लगा वह अफरीदी को भी जानते थे। 

उन दावों को खारिज करते हुए अफरीदी ने कहा है कि उस वक्त वह खुद सिर्फ धर्म का मतलब समझ रहे थे जबकि कनेरिया मेरे छोटे भाई जैसे थे। अफरीदी ने कनेरिया के इरादों पर भी सवाल उठाया और दावा किया कि आरोप केवल सस्ती प्रसिद्धि पाने और पैसा कमाने के लिए हैं। अफरीदी ने कहा, और जो व्यक्ति यह सब कह रहा है, उसके अपने चरित्र को देखिए। कनेरिया मेरे छोटे भाई की तरह थे और मैं उनके साथ कई सालों तक विभाग में खेला। 

अफरीदी ने सवाल किया कि कनेरिया को यह स्वीकार करने में इतना समय क्यों लगा, अगर ऐसा हुआ है। अगर मेरा रवैया खराब था तो उसने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड या उस विभाग से शिकायत क्यों नहीं की जिसके लिए वह खेल रहा था। वह हमारे दुश्मन देश को इंटरव्यू दे रहे हैं जो धार्मिक भावनाओं को भड़का सकते हैं। कनेरिया ने पहले दावा किया था कि अफरीदी नहीं चाहते थे कि वह पाकिस्तान टीम का हिस्सा बने और उन्होंने ईर्ष्या के कारण राष्ट्रीय टीम के अन्य सदस्यों को उनके खिलाफ उकसाया। 

कनेरिया ने कहा था कि वह नहीं चाहते थे कि मैं टीम में रहूं। वह झूठा था, एक जोड़तोड़ करने वाला क्योंकि वह एक चरित्रहीन व्यक्ति है। हालांकि मेरा फोकस सिर्फ क्रिकेट पर था और मैं इन सब तरकीबों को नजर अंदाज कर देता था। शाहिद अफरीदी ही ऐसे शख्स थे जो दूसरे खिलाड़ियों के पास जाते थे और उन्हें मेरे खिलाफ भड़काते थे। मैं अच्छा प्रदर्शन कर रहा था और उसे मुझसे जलन हो रही थी। मुझे गर्व है कि मैं पाकिस्तान के लिए खेला। मैं आभारी था। 

लेग स्पिनर कनेरिया ने पाकिस्तान के लिए 61 टेस्ट मैचों में 261 विकेट लिए। उन्होंने 18 एकदिवसीय मैच भी खेले जिसमें 15 विकेट चटकाए, 2009 में इंग्लिश काउंटी चैम्पियनशिप प्रो-लीग मैचों में स्पॉट फिक्सिंग के आरोप में उन्हें 2012 में ईसीबी द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया था।