Sports

जालन्धर : ऑस्ट्रेलिया ओपन में जापान की नाओमी ओसाका से फाइनल में खुद को हारती देख अमरीकी टैनिस प्लेयर सेरेना विलियमस ने चेयर अंपायर पर गुस्सा निकाला था। सेरेना की इस हरकत के बाद सोशल साइट्स पर उनके व्यवहार की जमकर निंदा हुई थी। इसी दौरान एक ऑस्ट्रेलियई कार्टूनिस्ट मार्क नाइट ने सेरेना का एक ऐसा कार्टून बना दिया था जिसे नस्ली और ङ्क्षलगभेद से भरा माना जा रहा था। इस संबंधी ऑस्ट्रेलियन प्रैस काउंसिल को ऐसे शिकायतें मिली थीं कि जिसमें यह कहा गया कि उक्त कार्टून एक महिला का अपमानजनक और सेक्सिस्ट प्रतिनिधित्व दर्शाता है। उक्त मामले पर सुनवाई करते हुए अब मीडिया वॉचडॉग ने अपना फैसला सुनाया है।

Serena Williams's controversial cartoon is not Racial : Media watchdog

मीडिया वॉचडॉग का मानना है कि उक्त कार्टून नस्ली नहीं है। इसमें किसी भी तरह के मीडिया मानकों का उल्लंघन नहीं किया गया है। उनका कहना है कि उक्त कार्टून को छापने वाले अखबार का इरादा सिर्फ सेरेना के व्यवहार को बचकाना रूप में चित्रित करना था। यह कहीं से भी सेरेना को एक बंदर के रूप में चित्रित नहीं करता। यह एक गैर-जातिवादी कैरिकैचर है जो अधिकांश ऑस्ट्रेलियाई पाठकों के लिए परिचित हैं।

Serena Williams's controversial cartoon is not Racial : Media watchdog

बता दें कि उक्त कार्टून में सेरेना के होठों को बड़ा, चौड़ी चपटी लंबी नाक और एक जंगली एफ्रो स्टाइल वाली हेयर स्टाइल के साथ दिखाया गया था। मशहूर फिल्म सीरीज हैरी पोटर की लेखिका जेके रोङ्क्षलग ने जब इस कार्टून को 'नस्ली और लिंगभेदÓ से भरा करार दिया था तो तब यह मामला और बढ़ गया था।