Sports

नई दिल्लीः भारत की राष्ट्रीय महिला हाॅकी टीम की गोलकीपर सविता पुनिया ने कई कठिनाइयों का सामना करते हुए अपने लक्ष्य की पूर्ती की। जब वह अपने गांव से सिरसा के स्कूल में प्रैक्टिस करने जाती तो लड़के उससे छेड़छाड़ करते और प्रताड़ित करते, लेकिन उसने कभी हार नहीं मानी और इन कठिनाइयों के बाद आगे बढ़ती रही। आगे बढ़ने के साथ-साथ उसने अपने खेलने का सपना भी पूरा कर लिया। 

वह एक सप्ताह में छह बार अपनी हाॅकी के खेल को सुधारने के लिए सिरसा नर के महाराज अग्रसैन गर्ल्स सीनियर सैकेंडरी स्कूल में खेलने के लिए 30 किलोमीटर की दूरी तय करती थी। उसके गांव के निकट यह स्कूल ही ऐसा था जहां उसे हाॅकी कोच के साथ-साथ आधारभूत ढांचा मिलता था। वह अपने गांव जोधकरण और सिरसा के स्कूल के लिए बस में यात्रा किया करती थी।

PunjabKesari

सविता को सेक्स संबंधी अनियमितताओं और प्रतारण का सामना करना पड़ा। उनके पिता महेंद्र पुनिया ने बताया, ''वह अपनी प्रैक्टिस करने के बाद जब घर आती तो कहती कि पापा लड़के मुझे बस में छेड़ते हैं।'' मगर इन बातों ने उसे और मजबूत कर दिया। सविता के पिता ने आगे कहा, ''ये लड़के मेरी बेटी को अपने सपनों को पूरा करने से वंचित नहीं कर पाए।''

महेंद्र पुनिया ने कहा, ''उसका (सविता) का सपना भारत के लिए खेलना था। उसने ऐसा किया और वह अब देश के लिए खेल रही है। मेरी बेटी का हर प्रदर्शन उन लड़कों के मुंह पर तमाचा है।'' पिता ने बताया यहां तक कि पड़ोसी और रिश्तेदार भी मेरी बेटी को परेशान करते थे। यह लोग अक्सर ऐसा कहते थे कि मेरी बेटी लड़कों के साथ खेलती है। इन बातों से मेरी बेटी को परेशानी तो होती थी लेकिन उसने कभी हार नहीं मानी।