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मुंबई : करियर के पहले तिहरे शतक से उत्तर प्रदेश के खिलाफ मुंबई को रणजी मैच में पहली पारी में बढ़त दिलाने वाले सरफराज खान का मानना है कि वह ऐसे खिलाड़ी हैं जो खेल का रुख बदल सकते हैं। दो दिन पहले बुखार से पीड़ित होने के बावजूद सरफराज ने नाबाद 301 रन की पारी खेली जिससे मुंबई ने रणजी ट्राफी एलीट ग्रुप बी मैच के अंतिम दिन उत्तर प्रदेश को पहली पारी के आधार पर पीछे छोड़ा जिसने आठ विकेट पर 625 रन बनाने के बाद पारी घोषित की थी।

Sarfaraz recorded a triple century, Rohit recorded equal, he said on the innings

सरफराज ने कहा कि मुझे बल्लेबाजी के लिए नहीं आना था। पिछले दो-तीन दिन से मेरी तबीयत ठीक नहीं थी। लेकिन मेरा मानना है कि मैं ऐसा खिलाड़ी हूं तो अगर विकेट पर टिके रहता है तो मैच का रुख बदल सकता है। इसलिए मैं मैदान पर उतरा और टीम के लिए खेला।

प्रथम श्रेणी क्रिकेट में छठे नंबर पर खेलते हुए किसी प्रथम श्रेणी बल्लेबाज ने सिर्फ तीसरी बार तिहरा शतक जड़ा है। रणजी ट्राफी के इतिहास में वह करूण नायर के बाद छठे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए तिहरा शतक जडऩे वाले सिर्फ दूसरे बल्लेबाज हैं। सरफराज से पहले मुंबई की ओर से पिछला तिहरा शतक दिग्गज बल्लेबाज रोहित शर्मा ने जड़ा था।

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तीन सत्र के लिए उत्तर प्रदेश की ओर से खेलने के बाद मुंबई लौटे 22 साल के सरफराज ने कहा कि मैंने नहीं सोचा था कि मैं इतनी लंबी पारी खेल पाऊंगा। जब मैं 250 रन बनाकर खेल रहा था तो मैं सोचा कि मुझे रिटायर हो जाना चाहिए लेकिन टीम ने मेरा काफी समर्थन किया। सरफराज के अनुसार दोहरा शतक पूरा करने के बाद उनके रन बनाने की गति कम हुई।