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मुंबईः भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल का मानना है कि साल भर के व्यस्त सत्र के बाद आखिर में प्रीमियर बैडमिंटन लीग खेलने का शरीर पर असर पड़ता है । साइना ने कहा ,‘‘ हर कोई अपना शत प्रतिशत देना और जीतना चाहता है । लेकिन यह साल के आखिर में होती है और कई बार शरीर पर असर पड़ता है । खिलाडिय़ों के लिए यह आसान नहीं है । यह सबसे कठिन टूर्नामेंट में से एक है लेकिन सभी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हैं ।’’

नौ टीमों की लीग में नार्थ ईस्टर्न वारियर्स की कप्तान साइना से पूछा गया था कि खिलाड़ी क्या सुपर सीरिज टूर्नामेंटों की तरह पीबीएल में प्रदर्शन कर सकते हैं । साइना ने कहा ,‘‘ यह एक टूर्नामेंट की तरह नहीं बल्कि टीम स्पर्धा है जिसे खेलने में मजा आता है । हमारे लिये यह त्यौहार की तरह है । इससे युवाओं को भी फायदा होता है और इसकी वजह से खेल का प्रचार हो रहा है ।’’

ओलंपिक और विश्व चैम्पियन कैरोलिना मारिन ने कहा ,‘‘ दबाव एकदम अलग तरह का है । हमें अपने बारे में नहीं टीम के बारे में सोचना है ।’’ राष्ट्रीय बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद ने कहा कि इस लीग से किदाम्बी श्रीकांत जैसे खिलाडिय़ेां को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपने प्रदर्शन में सुधार में मदद मिली है । उन्होंने कहा ,‘‘ श्रीकांत का ही उदाहरण लीजिये । इस लीग से उसे कितना फायदा मिला है । इससे युगल खिलाडिय़ों को भी बहुत फायदा मिला है ।’’