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नयी दिल्ली : कोविड-19 महामारी से प्रभावित कोच और सहयोगी स्टाफ के लिये ‘रन टू मून’ पहल से 19 लाख रुपये जुटाये गये। इस दौड़ में दुनिया भर के विभिन्न हिस्सों के लगभग 14,000 धावकों ने हिस्सा लिया। इन धावकों को मिलकर 3,84,400 किलोमीटर की दूरी तय करने का लक्ष्य दिया गया। पृथ्वी और चंद्रमा के बीच इतनी ही दूरी है। धावकों ने 21 जुलाई को लक्ष्य हासिल करके अपनी दौड़ समाप्त की थी। इसी दिन 51 साल पहले इंसान ने पहली बार चांद पर कदम रखा था।

वैसे धावकों ने 30 दिन के अंदर कुल मिलाकर 9,08,800 किमी की दूरी तय की। उन्होंने पहला चरण छह जुलाई को पूरा किया और 18 जुलाई को फिर से यह लक्ष्य हासिल किया था। यह पहल बैडमिंटन के मुख्य राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद और अर्जुन पुरस्कार विजेता एथलीट अश्विनी नाचप्पा और मताथी होला ने महामारी फैलने के बाद परेशानी में रह रहे देश के जरूरतमंद प्रशिक्षकों और सहयोगी स्टाफ के लिये पैसा जुटाने के लिये शुरू की थी जिसमें आईडीबीआई फेडरल लाइफ इन्स्योरेन्स और एनईबी स्पोर्ट्स ने मदद की।

इसमें योगदान देने के लिये 15 देशों के धावकों ने पंजीकरण करवाया था। इससे कुल 14 लाख रुपये जुटाये गये। आईडीबीआई फेडरल लाइफ इन्स्योरेन्स ने पांच लाख रुपये दिये और इस तरह से कुल 19 लाख रुपये की धनराशि जुटायी गयी।