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नई दिल्लीः अपनी आकर्षक आवाज और तेज रफ्तार हॉकी कमेंट्री के दम पर 1970, 80 और 90 के दशक में लोगों के दिलों पर राज करने वाले जाने-माने खेल कमेंटेटर जसदेव सिंह का लंबी बीमारी के बाद मंगलवार को यहां निधन हो गया। वह 87 वर्ष के थे। उनके परिवार में एक पुत्र और एक पुत्री हैं। जसदेव ने आकाशवाणी और दूरदर्शन के लिए नौ ओलंपिक, आठ हॉकी विश्व कप और छह एशियाई खेलों की कमेंट्री की। हॉकी पर उनकी जबरदस्त पकड़ थी। उन्होंने कई स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस समारोहों की भी कमेंट्री की। कुछ साल पहले उन्होंने अपने जीवन की कहानी को ‘मै जसदेव सिंह बोल रहा हूंं’ के रूप में एक किताब की शक्ल दी थी।  
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खेल तथा सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने जसदेव के निधन पर दु:ख व्यक्त करते हुये ट्वीट किया, ''गहरे दु:ख के साथ हमारे बेहतरीन कमेंट्रेटरों में से एक जसदेव सिंह के निधन की जानकारी मिली। वह आकाशवाणी और दूरदर्शन के बेहतरीन कमेंटेटर थे।''
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ओलंपिक में उनकी बेहतरीन कमेंट्री के लिए उन्हें ओलंपिक ऑर्डर से भी सम्मानित किया गया था। उन्हें 1985 में पद्मश्री और 2008 में पद्म भूषण से विभूषित किया गया था। उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुये एक पूर्व सैन्य अधिकारी ने लिखा, ''टेलीविजन से पहले के युग में वह अकेले ऐसे हॉकी कमेंटेटर थे जो गेंद के साथ रफ्तार मिला सकते थे।'' 

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जसदेव के निधन पर शोक व्यक्त करते हुये कहा, ''भारतीय कमेंट्री की‘स्वर्णिम आवाजों’में से एक जसदेव सिंह के निधन के बारे में जानकर दु:ख हुआ। उनके परिवार और असंख्य प्रशंसकों के साथ मेरी संवेदना है।''
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